ढाका। शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत के साथ विवाद के बीच बांग्लादेश और चीन के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं। सोमवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन चीन के दौरे पर गए, जहां उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस यात्रा के दौरान, शी जिनपिंग की चीनी सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया, जिससे मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को बड़ी राहत मिली।
चीनी सरकार के निर्णय के अनुसार, बांग्लादेश को दिए गए ऋण की चुकौती अवधि बढ़ा दी गई है। चीन की शी जिनपिंग सरकार ने बांग्लादेश को ऋण चुकाने के लिए 20 वर्ष की बजाय 30 वर्ष की छूट अवधि दी है। दूसरी ओर, चीनी सरकार ने भी ऋण पर ब्याज दरें कम करने का प्रयास करने का वादा किया है। इसके साथ ही इस बैठक में दोनों देशों ने चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) योजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जताई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भी इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी किया है।
बयान में कहा गया है कि तौहीद हुसैन ने चीन से ऋण पर ब्याज दर 2-3 प्रतिशत से घटाकर 1% करने, प्रतिबद्धता शुल्क माफ करने और ऋण चुकौती अवधि 20 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष करने का अनुरोध किया। ऋण चुकाने के हमारे अच्छे पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए, चीन ने अवधि बढ़ाने के हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और ब्याज दर कम करने का प्रयास करने का भी वादा किया है।
भारत से तनाव के बीच बांग्लादेश के लिए चीन का बड़ा फैसला, ब्याज कटौती और कर्ज भुगतान में दी ढील
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