अहमदाबाद। गुजरात से बड़ी खबर सामने आई है। गुजरात के पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा को अदालत ने पांच साल जेल की सजा सुनाई है। निलंबित सनदी अधिकारी प्रदीप शर्मा के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार केस में आज एक विशेष अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया और उन्हें जमीन से जुड़े मामले में दोषी पाया है। अब उसे जेल की सजा सुनाई गई है। प्रदीप शर्मा 2003 से 2006 तक कच्छ के कलेक्टर के रूप में कार्यरत थे। आरोप है कि प्रदीप शर्मा ने अपनी ड्यूटी के दौरान वेलस्पन इंडिया लिमिटेड शो पाइप्स कंपनी को कम कीमत पर अवैध रूप से जमीन आवंटित की थी।
प्रदीप शर्मा को सरकारी अधिकारी के रूप में सत्ता का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया है। हालांकि, दो अन्य मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है। प्रदीप शर्मा के खिलाफ तीन मामले लंबित थे। जिसमें से दो मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है और आज उन्हें एक मामले में दोषी पाया गया है।
आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा के खिलाफ भुज सीआईडी क्राइम बॉर्डर जोन पुलिस स्टेशन में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई थी। भुज शहर की तहसीलदार कल्पनाबेन गोडिया ने पूर्व कलेक्टर, तत्कालीन रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर और संजय छोटेलाल शाह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में आज कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को जमीन घोटाले में दोषी करार दिया है। अदालती सुनवाई के दौरान पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा को एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनके वकील ने अदालत से सजा कम करने का अनुरोध किया। दूसरी ओर, सरकारी वकील ने इसका विरोध किया। इस मामले में सरकारी वकील ने कहा कि उन्होंने आईएएस अधिकारी रहते हुए अपराध किया। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे अधिकारी को कम सजा दी जाएगी तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। इसके बाद सरकारी वकील ने अदालत में अधिक सजा की मांग की। सरकारी वकील ने आगे कहा कि कलेक्टर के पद पर बैठे अधिकारी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और उम्र के आधार पर सजा कम करने की मांग उचित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हर अपराधी को सजा से निपटना पड़ता है, उम्र से नहीं, यह मामला व्यक्तिगत नहीं बल्कि देश के खिलाफ कृत्य है।
कच्छ कलेक्टर प्रदीप शर्मा 2003 से 2006 तक कच्छ के कलेक्टर के रूप में कार्यरत थे। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि प्रदीप शर्मा ने अपनी ड्यूटी के दौरान वेलस्पन इंडिया लिमिटेड शो पाइप्स कंपनी को कम कीमत पर अवैध रूप से जमीन आवंटित की थी। इसके बाद सीआईडी क्राइम ने दोनों मामलों में प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर पलाड़ा जेल भेज दिया था।