अहमदाबाद। भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने उन्नत तकनीक की मदद से पूरे देश में समुद्रतट को मापा है, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। गुजरात में सबसे लंबा समुद्रतट है। यह पहले 1600 किलोमीटर था, जो अब 700 किलोमीटर और बढ़ गया है। इसके साथ ही गुजरात में समुद्रीतट का दायरा 2300 किलोमीटर हो गया है। गुजरात में यह बढोतरी तटीय भूमि के कटाव के कारण है। खंभात की खाड़ी से लेकर कच्छ तक और सौराष्ट्र के तट से लेकर दक्षिण गुजरात के तट का तेजी से क्षरण हो रहा है।
भारतीय सर्वेक्षण विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देश की कुल तटरेखा 11,098 किलोमीटर लंबी है। सबसे लम्बी तटरेखा गुजरात में है। पुनर्गणना के अनुसार गुजरात की तटरेखा बढ़ गयी है। जो 1970 में 1,214 किलोमीटर था, बाद में 1660 किलोमीटर, फिर 1945 किलोमीटर हो गया है। इस प्रकार, पिछले 53 वर्षों में गुजरात की तटरेखा लगभग दोगुनी होकर 2,340 किलोमीटर हो गयी है। हालांकि, अंडमान और निकोबार की तटरेखा सबसे लंबी है, लेकिन यह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। इसकी तटरेखा 3083 किलोमीटर से अधिक लंबी है।
हाल के वर्षों में देश के तटीय क्षेत्रों में समुद्र का दायरा बढ़ा है। इसके कारण समुद्र का पानी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। तटीय भूमि का क्षरण हो रहा है। समुद्री जल इस तटीय भूमि में प्रवेश कर गया है। समुद्र का दायरा बढ़ना गुजरात सरकार के लिए चिंता की बात यह है। गुजरात में 700 किलोमीटर तटरेखा का क्षरण हो चुका है, जो बड़े संकट का संकेत है।
गुजरात में समुद्री सीमा 13 तटीय जिलों और 35 तहसीलों को स्पर्श करती हैं। इसमें 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं। कच्छ जिले में तटीय भूमि का सबसे अधिक कटाव होता है। कच्छ की खाड़ी के बाद जामनगर, भरूच और वलसाड का स्थान आता है। गुजरात के समुद्र तट के 703.6 किलोमीटर क्षेत्र में कटाव हो रहा है, जिससे राज्य के लगभग 549 तटीय गांव प्रभावित हो रहे हैं। यह दक्षिणी कटाव नवसारी जिले के दांडी से लेकर वलसाड जिले के उमरगाम तक फैला हुआ है।