अहमदाबाद। आस्था और उल्लास का पर्व उत्तरायण आज गुजरात के साथ-साथ देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। उत्तरायण पर मंगलवार को सुबह से ही पतंगबाजों के बीच आसमानी युद्ध चल रहा है। काट-लपेट की धुन से वातावरण गूंज उठा है। उत्तरायण पर पेंच लड़ाने के साथ ही गुजराती उंधियू-जलेबी का मजा भी ले रहे हैं। गुजरात में बासी उत्तरायण भी महत्वपूर्ण है। इसे बुधवार को उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आज दिनभर गुजरात में हवा का रुख उत्तर-पूर्व से पूर्व की ओर रहेगा और हवा की गति 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी। पतंग उड़ाने वालों को अनुकूल हवा का भरपूर साथ मिलेगा। अहमदाबाद में दिल्ली चकला, कालूपुर टंकशाल, रायपुर, पालडी, मणिनगर, सैटेलाइट, एसजी हाईवे और सूरत में डबगरवाड़ में सोमवार को रातभर पतंग और मांझा की खरीदी होती रही। अहमदाबाद में पतंग उड़ाने के लिए छत किराए पर लेने का चलन भी बढ़ता जा रहा है। उत्तरायण पर अहमदाबाद के पोल में दिनभर के लिए छत का किराया 25,000 रुपए तक पहुंच गया है।
उत्तरायण त्यौहार के दौरान पतंग के मांझे से कई निर्दोष पशु-पक्षी घायल हो जाते हैं। इसके अलावा, त्योहार को ध्यान में रखते हुए, धार्मिक लोग जानवरों, विशेष रूप से गायों को लापसी और हरी घास खिलाते हैं। गुजरात सरकार वर्ष 2015 से करुणा अभियान चला रही है। उत्तरायण पर मांझे से घायल पक्षियों को बचाया जा सके और उन्हें उचित उपचार उपलब्ध कराया जा सके। घायल पक्षियों के उपचार केन्द्रों की जानकारी के लिए वन विभाग के व्हाट्सएप नंबर 8320002000 तथा 1926 हेल्पलाइन के साथ-साथ पशुओं के लिए पशुपालन विभाग के 1962 हेल्पलाइन नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है।
पिछले 3 वर्षों में उत्तरायण के दौरान 1,000 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है। इनकी मौत का कारण मांझा है। पिछले 8 वर्षों में पतंग के मांझे से 954 से अधिक पक्षी घायल हुए और 7,584 पक्षियों की जान चली गई।