सूरत। 15 जनवरी, 2025 भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। इस दिन एक नहीं बल्कि तीन युद्धपोत नौसेना में शामिल होने जा रहे हैं। इनमें से एक है गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट ‘नीलगिरी’, दूसरी है डीजल पनडुब्बी ‘वाघशेर’ और तीसरी है गाइडेड मिसाइल स्टील्थ विध्वंसक ‘आईएनएस सूरत’। मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में निर्मित तीनों जहाजों ने सभी प्री-कमीशनिंग परीक्षण पूरे कर लिए हैं। यह पनडुब्बी फ्रांसीसी स्कॉर्पियन डिजाइन पर आधारित है तथा दोनों जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा डिजाइन किया गया है। इन तीनों में से एक आईएनएस सूरत की खास पहचान है। भारत के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि आईएनएस सूरत जैसा अत्याधुनिक विध्वंसक, पूरी तरह से स्वदेशी युद्धपोत है। इसके डिजाइन से लेकर निर्माण तक का सारा कार्य देश में ही किया गया है, जो देश के इंजीनियरिंग कौशल और औद्योगिक ज्ञान के उच्च स्तर को दर्शाता है।
आईएनएस सूरत की विशेषता
आईएनएस सूरत पिछले 25 वर्षों में निर्मित स्वदेशी विध्वंसक (एक प्रकार का युद्धपोत, जिसे बोलचाल की भाषा में ‘विध्वंसक’ कहा जाता है) की तुलना में अधिक आधुनिक है।
आईएनएस सूरत एक से अधिक प्रकार के काम कर सकता है। इसका उपयोग ‘कैरियर टास्क फोर्स’ (सीटीएफ) से लेकर ‘सरफेस एक्शन ग्रुप्स’ (एसएजी) और ‘सर्च एंड अटैक यूनिट्स’ (एसएयू) तक किसी भी रूप में किया जा सकता है। इसकी बहुआयामी क्षमताओं का उपयोग सैन्य, पुलिस, कूटनीतिक और नौसैनिक भूमिकाओं के लिए किया जा सकता है।
आईएनएस सूरत का वजन 7,400 टन है और इसकी लंबाई 164 मीटर है। चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित, 64,000 अश्वशक्ति तक की क्षमता प्रदान करने वाली यह विमान 30 नॉट्स (लगभग 60 किमी/घंटा) से अधिक गति तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसकी रेंज 7,500 किमी है।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह विध्वंसक हथियार सबसे आगे है। यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, जहाज रोधी मिसाइलें, मध्यम और निकट दूरी की बंदूकें, पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो और रॉकेट जैसे हथियार ले जाता है।
इसके उड़ान डेक पर दो हेलीकॉप्टर तैनात किये जा सकते हैं। इस पर ड्रोन भी हैं।
पूरे जहाज में 17 किलोमीटर से अधिक लम्बा जटिल वायरिंग/केबलिंग नेटवर्क है। आईएनएस सूरत संचार और नेविगेशन के लिए अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों से सुसज्जित है, जिसमें सेंसर-रडार और सोनार भी शामिल हैं, जो नौसेना के रणनीतिक संचालन के लिए आवश्यक है।
जहाज में उच्च स्तर का स्वचालन है, जिसमें सॉफ्टवेयर-परिभाषित रेडियो, युद्ध प्रबंधन प्रणाली और नौसैनिक डेटालिंक प्रणाली शामिल है।
इस विध्वंसक के डिजाइन में आत्मरक्षा के लिए स्टेल्थ विशेषताएं शामिल हैं। जहाज में विभिन्न प्रकार के खतरों का पता लगाने के लिए कई सेंसर लगे हैं, जिनमें 500 अग्नि डिटेक्टर सेंसर और 200 बाढ़ सेंसर शामिल हैं।
यह जहाज ऐसे दूषित वातावरण में भी लड़ने में सक्षम है जहां परमाणु हथियार, जैविक हथियार और रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है।
कर्मचारियों के लिए हैं ये सुविधाएं
इसकी रसोई में 300 से अधिक कर्मचारियों के लिए भोजन तैयार करने की क्षमता है। जहाज के कर्मचारियों को फिट और स्वस्थ रखने के लिए जहाज में आधुनिक व्यायामशाला भी है और सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
आईएनएस सूरत की एक विशेष विशेषता यह है कि इसे महिला अधिकारियों और नाविकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है, जिससे यह इसी श्रेणी के अन्य विध्वंसक जहाजों की तुलना में अधिक संख्या में महिला कर्मियों को समायोजित करने में सक्षम होगा।
आईएनएस सूरत को भारत का पहला एआई-सक्षम जहाज बनने का गौरव प्राप्त है। इसका ‘एकीकृत प्लेटफार्म प्रबंधन सिस्टम’ (आईपीएमएस) स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है, जो दूरस्थ स्थान से जहाज की मशीनरी के नियंत्रण और निगरानी की सुविधा प्रदान करता है। नवीनतम प्रौद्योगिकी इस जहाज की परिचालन क्षमता को काफी बढ़ा देती है। आईएनएस सूरत इतना उन्नत है कि इसे अपनी श्रेणी के अन्य जहाजों से एक पायदान ऊपर रखा जाना चाहिए।