चेन्नई। क्रिकेट करियर को अलविदा कहने वाले भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने एक कॉलेज के कार्यक्रम में ‘हिंदी भाषा’ को लेकर विवादित बयान दिया है। स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है, यह केवल आधिकारिक भाषा है।
एक निजी कॉलेज के दीक्षांत समारोह में रविचंद्रन अश्विन ने भाषा के संदर्भ में बात की। जब उन्होंने छात्रों से पूछा- क्या कोई हिंदी में प्रश्न पूछना चाहता है?” तो सभी की प्रतिक्रिया काफी आश्चर्यजनक थी। इस दौरान अश्विन ने कहा- मैं सोचता हूं कि मुझे यह बात यहां कह देनी चाहिए। हिंदी देश की राष्ट्रभाषा नहीं, बल्कि यह केवल आधिकारिक भाषा है। दक्षिण भारत में हिंदी भाषा लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह भारत की राष्ट्र भाषा नहीं है।
रविचंद्रन अश्विन टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों में से एक हैं, लेकिन उन्होंने कभी कप्तानी की जिम्मेदारी नहीं संभाली। इस विषय पर उन्होंने कहा- जब कोई कहता है कि मैं कुछ नहीं कर सकता, तो मैं उसे हासिल करने में अपना पूरा दिल लगा देता हूं, लेकिन जब कोई कहता है कि मैं कुछ कर सकता हूं, तो उसमें मेरी रुचि कम हो जाती है।
बता दें, रविचंद्रन अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में ही संन्यास की घोषणा कर दी थी। उन्हें आखिरी बार एडिलेड पिंक बॉल टेस्ट में खेलते हुए देखा गया था। ब्रिसबेन टेस्ट बारिश के कारण ड्रा होने के बाद अश्विन ने अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संन्यास की घोषणा कर क्रिकेट जगत को चौंका दिया था।