नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टॉक ट्रेडिंग ऐप जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत के साथ पॉडकास्ट में उनसे बातचीत की। यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला पॉडकास्ट इंटरव्यू है। पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बचपन और बचपन के दोस्तों के बारे में कहानियां साझा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मेरी जोखिम लेने की क्षमता का पूरी तरह उपयोग नहीं हुआ है। मेरी जोखिम लेने की क्षमता कई गुना अधिक है। प्रधानमंत्री ने इसका कारण भी बताया।
पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने कभी कंफर्ट जोन में जिंदगी नहीं बिताई। हमेशा कंफर्ट जोन के बाहर ही रहे, इसलिए उन्हें मालूम है कि कहां कैसे जिंदगी गुजारनी है। उन्होंने खुद को कंफर्ट जोन के लिए अनफिट बताया। पीएम मोदी ने कहा- अगर एक उद्योगपति भी कंफर्ट जोन से बाहर नहीं आता है तो प्रगति नहीं कर सकता, वहीं खत्म हो जाएगा। उसको अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना ही पड़ेगा। जो जीवन में प्रगति करना चाहता है, उसे कंफर्ट जोन का आदी नहीं बनना चाहिए। रिस्क लेने कि उसकी मनोभूमिका हमेशा उसकी ड्राइविंग फोर्स होती है।
पीएम मोदी से जब यह पूछा गया कि उनका जीवन रिस्क लेने की क्षमता के साथ बढ़ रहा है? इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “मुझे लगता है कि मेरी अभी तक रिस्क लेने की क्षमता का भरपूर इस्तेमाल नहीं हो पाया है। बहुत कम हुआ है। रिस्क लेने की क्षमता बहुत अधिक है इसका कारण है। मुझे परवाह ही नहीं है। मैंने अपने लिए सोचा ही नहीं। जो अपने बारे में नहीं सोचा, उसके लिए रिस्क लेने की क्षमता बेहिसाब होती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2002 में गुजरात में हुए गोधरा कांड के बारे में खुलकर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे विधायक बने तीन दिन भी नहीं हुए थे कि गोधरा में दंगे भड़क गए। जैसे ही मुझे दंगों की खबर मिली, मैंने गोधरा जाने का फैसला किया। मैंने गोधरा की वास्तविकता अपनी आंखों से देखी। गोधरा की तस्वीरें बहुत दर्दनाक थीं। मुझे बताया गया कि ट्रेन में आग लग गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, गोधरा में पांच जगहों पर बम विस्फोट हुए। आप कल्पना कर सकते हैं कि स्थिति कैसी रही होगी। मैंने अपने सुरक्षा गार्ड से कहा कि मैं पुलिस नियंत्रण कक्ष में जाना चाहता हूं। इस पर सुरक्षा गार्ड ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वहां जाने से इनकार कर दिया। मैंने कहा, चाहे कुछ भी हो जाए, मैं वहां जाऊंगा। मैं वहां पहुंचा और कार में बैठ गया। मैंने कहा कि मैं पहले अस्पताल जाऊंगा। सुरक्षा गार्ड ने बताया कि हर जगह विस्फोट हो रहे हैं। फिर भी मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और घायलों को देखने अस्पताल पहुंचा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मैं भी इंसान हूं, कोई भगवान नहीं है। मैं भी गलतियां करता हूं। राजनीति में किसी मिशन के साथ प्रवेश करना चाहिए, महत्वाकांक्षा के साथ नहीं। अच्छे लोगों को राजनीति में आते रहना चाहिए। दुनिया में विभिन्न देशों के बीच चल रहे संघर्षों के बारे में उन्होंने कहा कि हमने लगातार कहा है कि हम तटस्थ नहीं हैं। मैं शांति के पक्ष में हूं। इस दौरान जब उनसे पहले और दूसरे कार्यकाल के बीच के अंतर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- पहले कार्यकाल में लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे। मैं भी दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था। यदि कोई युवा राजनीति में प्रवेश करना चाहता है तो आप उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगे? इस बारे में उन्होंने कहा- एक मिशन के साथ राजनीति में आइए।