लखनऊ। उत्तर के प्रदेश संभल में 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। पुलिस इसकी जांच कर रही है। इसी बीच पता चला है कि संभल में 1978 में हुए दंगे की फाइल फिर से खुलने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिए गए बयान के बाद यह फैसला लिया गया है।
योगी सरकार का मानना है कि जांच के दौरान हिंदुओं के साथ भेदभाव हुआ था। गृह विभाग की ओर से संभल के जिलाधिकारी और एसपी को पत्र भेजा गया है। डीएम और एसपी दंगों की जांच करके एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
संभल में 29 मार्च 1978 को दंगे के दौरान आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस घटना में 184 लोगों की जान गई थी। इसमें करीब 169 केस दर्ज किए गए थे। इसमें से 3 एफआईआर पुलिस की ओर से दर्ज किए गए थे। संभल में करीबन दो महीने तक कर्फ्यू लगाया गया था। घटना के 46 साल बाद अभी तक किसी को सजा तक नहीं मिली। प्रशासन और स्थानीय लोगों की सक्रियता से 46 साल से बंद मंदिर के पट खुले।
बताया जाता है कि संभल के नखासा इलाके में मुरारी की फड़ है, यहीं पर दंगे से बचने के लिए कई हिंदु छिपे थे, इसमें से 25 हिंदुओं को जलाकर मार दिया गया था। संभल के एसपी के अनुसार 1978 का दंगा इतना भयानक था कि इसके बाद जिले में हिंदु पलायन करने काे मजबूर हो गए थे, आज यहां हिंदुओं की आबादी 45 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत रह गई है।