सूरत। नगर निगम इलेक्ट्रिक-बसों के लिए इंटरमीडिएट चार्जिंग स्टेशन का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। सचिन रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है। इससे नगर निगम को प्रतिदिन 300 किलोमीटर की दूरी बचाने में मदद मिलेगी और प्रति दिन 16,500 के हिसाब से सालाना 50 लाख से अधिक की बचत होगी।
नगर निगम शहर में दौड़ रही डीजल बसों के बदले इलेक्ट्रिक बस चलाने पर जोर दे रही है। 2025 के अंत तक सभी रूटों पर इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना है। इससे डीजल के साथ-साथ पर्यावरण की भी बचत होगी। नगर निगम के कई मार्ग बहुत लंबे हैं और उन पर चलने वाली इलेक्ट्रिक-बसों को रोजाना सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करके चार्जिंग स्टेशनों पर जाना पड़ता है। इसका भुगतान भी नगर निगम को ही करना पड़ता है।
सचिन से कामरेज तक के सबसे लंबे 32 किमी रूट पर चलने वाली इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग के लिए अलथान बस डिपो में आती है। इस रूट पर प्रतिदिन 48 बसें चलती हैं और 498 राउंड ट्रिप लगाती हैं। इलेक्ट्रिक बसों को चार्जिंग स्टेशन तक जाने के लिए रोजाना 300 किलोमीटर ज्यादा चक्कर लगाने पड़ते हैं।
इस समस्या को हल करने के लिए नगर निगम ने सचिन रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे चार्जिंग स्टेशन बनाने का निर्णय लिया है। इससे बनाने का काम अगले महीने या उसके आसपास चालू हो जाएगा। इससे इस रूट पर चलने वाली बसों की चार्जिंग रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे की जाएगी। इससे नगर पालिका को प्रतिदिन 16500 और सालाना 50 लाख रुपए की बचत होगी।