मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भाजपा का आत्मविश्वास बढ़ गया है। भाजपा ने महाराष्ट्र विस चुनाव में 133 सीटें जीती हैं। इसके पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का संगठन और कड़ी मेहनत भी एक वजह मानी जा रही है। इस बीच आरएसएस और भाजपा ने निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि निकाय चुनाव अकेले लड़ना चाहिए, ताकि वह शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) को अपनी ताकत दिखा सके। आरएसएस की भी राय है कि भाजपा को अकेले निकाय चुनाव लड़ना चाहिए। निकाय चुनाव के लिए आरएसएस ने भाजपा के लिए माहौल बनाना शुरू कर दिया है।
रणनीतिकारों के अनुसार निकाय चुनाव अकेले लड़ने से भाजपा को जमीनी स्तर तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इसके अलावा वह मुंबई, पुणे, नागपुर समेत विभिन्न शहरों में अपनी ताकत का आकलन भी कर सकेंगे। भाजपा के अलावा अन्य दल भी अकेले लड़ने के पक्ष में हैं। उधर, महाविकास अघाड़ी में शिवसेना (उद्धव गुट) कई बार घोषणा कर चुकी है कि वह स्थानीय स्वराज चुनाव अकेले लड़ेगी। शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि महाराष्ट्र से शिवसैनिकों की राय सामने आ रही है कि चुनाव अकेले लड़ना चाहिए। इससे हमें दो फायदे होंगे। सबसे पहले यह राज्यभर के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेगा। दूसरा पार्टी से ज्यादा से ज्यादा लोगों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि बीएमसी समेत देश की 27 संस्थाओं में चुनाव होने हैं। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव काफी समय से लंबित हैं। लेकिन अब विधानसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता के बाद सभी सत्ताधारी दल चुनाव कराने के पक्ष में हैं।