मुरादाबाद। संभल, वाराणसी, बुलंदशहर के बाद अब मुरादाबाद में 44 साल से बंद गौरी शंकर मंदिर मिला है। बताया जाता है कि 1980 के दंगों में पुजारी की हत्या के बाद मंदिर को बंद कर दिया गया और इसके दोनों गेट तोड़ दिए गए। अब जब नगर निगम की टीम ने गर्भगृह की खुदाई की तो मलबे के नीचे शिवलिंग और कई खंडित मूर्तियां दबी हुई मिलीं, जिन्हें निकाला गया है। मंदिर की साफ-सफाई के बाद उसमें मूर्ति स्थापित की जाएगी।
44 साल से बंद पड़े मुरादाबाद के गौरी शंकर मंदिर से नंदी, गणेश, कार्तिकेय और भगवान हनुमान की खंडित मूर्तियां बरामद हुई हैं। मौके पर नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे और कर्मचारियों द्वारा मंदिर की साफ-सफाई की गयी। हालांकि, अभी तक मंदिर पर किसी के कब्जे का कोई सबूत सामने नहीं आया है।
मंदिर काफी समय से बंद था, इसलिए रख-रखाव के अभाव में इसकी हालत खराब हो गई है। अब इसकी साफ-सफाई और रंग-रोगन करके इसे पूजा के लायक बनाया जाएगा। इस धार्मिक स्थल के निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि मंदिर के दोनों द्वारों को वर्ष 1980 में पक्का किया गया था। 1980 के दंगों में पुजारी की हत्या के बाद से ही मंदिर बंद है। पुजारी के पोते ने एक सप्ताह पहले मुरादाबाद डीएम को एक याचिका देकर मंदिर को फिर से खोलने का अनुरोध किया था।
प्रशासन ने तीन दिन पहले शहर के नागफनी क्षेत्र के झब्बू का नाला इलाके में स्थित मंदिर का सर्वेक्षण किया और सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच इसकी सफाई और खुदाई की गई। खुदाई के दौरान हनुमानजी, शिवलिंग और नंदी की मूर्तियाँ मिली हैं और यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक कि मंदिर अपने पूर्ण रूप में न आ जाए।