नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली शूटर मनु भाकर इस समय चर्चा में हैं। 22 साल की मनु भाकर ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पूरे मामले का खुलासा किया है। बता दें, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि मनु भाकर को खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित नहीं किया गया है। इस मामले में मनु भाकर के पिता ने भी बयान दिया है। अब मनु भाकर ने खुद सामने आकर इस बात पर सफाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया(X) पर पोस्ट में लिखा है- मेरे खेल रत्न अवॉर्ड के नॉमिनेशन को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इस पर मैं कहना चाहूंगा कि एक एथलीट के तौर पर मेरा काम देश के लिए खेलना और अच्छा प्रदर्शन करना है। पुरस्कार या सम्मान मुझे प्रोत्साहित करता है, लेकिन ये मेरा लक्ष्य नहीं हैं। मुझे लगता है कि नामांकन दाखिल करते समय मेरी ओर से कुछ चूक हुई है, जिसे ठीक किया जा रहा है। मुझे पुरस्कार मिले या न मिले, मैं देश के लिए अधिक से अधिक पदक जीतने का प्रयास करूंगी। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि अब इस मुद्दे पर बात न करें।
मनु के पिता ने कहा था कि एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने का क्या फायदा अगर पुरस्कार के लिए भीख मांगनी पड़े? एक सरकारी अधिकारी निर्णय ले रहा है और समिति के सदस्य चुप हैं और अपनी राय नहीं दे रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है। हमने पुरस्कार के लिए आवेदन किया था, लेकिन कमेटी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। क्या आप इसी तरह से एथलीटों को प्रेरित करते हैं?
पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए दो पदक जीतने वाली मनु भाकर आजादी के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीते थे। जबकि महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में उन्होंने चौथा स्थान हासिल किया। लेकिन अभी भी सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी. रामसुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय चयन समिति ने खेल रत्न पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश नहीं की थी। जिससे उनके पिता निराश हैं।