सूरत। बुधवार को कच्छ से फर्जी ईडी अधिकारियों के पकड़े जाने के बाद आज सूरत में 13 फर्जी डॉक्टरों पकड़े गए हैं। सूरत जोन-4 पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 1200 फर्जी डिग्रियां भी जब्त की हैं।
जानकारी के अनुसार सूरत जोन-4 पुलिस ने सूचना के आधार पर फर्जी डॉक्टर और फर्जी डिग्री मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जिसमें पुलिस ने करीब 13 फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने फर्जीवाड़ा के मुख्य मास्टर माइंड रसेष गुजराती को भी गिरफ्तार किया है। सूरत पुलिस ने अहमदाबाद से बोर्ड ऑफ होमियापैथी के डायरेक्टर बीके रावत को भी गिरफ्तार किया है।
सूरत जोन-4 के डीसीपी विजयसिंह गुर्जर ने बताया कि डॉक्टरों के क्लिनिक की जांच करने के बाद उनसे डिग्री मांगी गई। जिसमें उन्होंने BEMS (बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिकल साइंस) सर्टिफिकेट दिया, जो गुजरात सरकार द्वारा मान्य नहीं है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह डिग्री फर्जी है।
70 हजार रुपए फीस लेकर बनाते थे फर्जी डिग्री
पुलिस की जांच में पता चला है कि बीके रावत एंड कंपनी 70 हजार रुपए लेकर बीईएमएस की डिग्री, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और आईडेंटिटी कार्ड बनाकर देता था। अब तक 1000 से अधिक फर्जी डिग्री दे चुके हैं। इसके साथ यह भी दावा करते थे कि हमारे यहां से सर्टिफिकेट लेने वाले एलोपैथी, आयुर्वेदिक और होमियोपैथिक दवाएं दे सकते हैं। कोई भी इमरजेंसी होने पर संपर्क कर सकते हैं।
ये हैं फर्जी डिग्री बनाने मुख्य आरोपी
- डॉ. रसेष विट्ठलदास गुजराती(बालकृपा सोसाइटी, पालनपुर, सूरत)
- भूपेन्द्र सूरजभान रावत(बीके रावत, वस्त्राल रोड, अहमदाबाद, मूल निवासी- उत्तर प्रदेश)
- इरफान इस्माइल सैयद(कमरूनगर टेनामेंट, मीठी खाड़ी लिंबायत, सूरत)
ये फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार किए गए
- राकेश चंदुभाई पटेल
- अमीन जाफरभाई खान
- समीम सिराजुद्दीन अंसारी
- सैयद अब्बेवडकर
- मोहम्मद इस्माइल रहीमुद्दीन शेख
- तबरीश सलीम सैयद
- राहुल राउत
- शशीकांत मिस्री
- सिद्धार्थ कालीपद देवनाथ
- पार्थ कालीपद देवनाथ