सूरत। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की मौजूदगी में भारत टेक्स-2025 के लिए सूरत में रोड शो किया। नई दिल्ली के भारत मंडपम में 14 से 17 तक भारत टेक्स-2025 का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान सूरत में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा कि भारत का टेक्सटाइल उद्योग 11 और गारमेंट सेक्टर 35 फीसदी के साथ ग्राेथ कर रहा है। सूरत मिनी भारत है यहां टेक्सटाइल सेक्टर की अनेक इकाइयां कार्यरत हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। मंत्री 2025-26 में कार्बन फाइबर का निर्माण और टेक्निकल टेक्सटाइल में 12 से 15 मिलियन डॉलर निर्यात होने की उम्मीद जताई। बता दें, नई िदल्ली के भारत मंडपम में आयोजित भारत टेक्स-2025 के दौरान ग्लोबल टेक्सटाइल एक्स्पो का आयोजन किया जाएगा। जिसमें परिधान, घरेलू सामान, फर्श कवरिंग, फाइबर, यार्न, कपड़े, कालीन, रेशम का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एन्ड मार्ट में 12 से 15 फरवरी-2025 तक परिधान, कपड़ा मशीनरी, रसायन और रंग जैसे उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि देश में 7 पीएम मित्रा पार्क बनाने का आयोजन किया था। इसमें से एक पीएम मित्रा पार्क गुजरात को मिलने वाला था। इसी बीच हमे खबर मिली कि गुजरात का पीएम मित्रा पार्क दहेज में बनने वाला है। मैंने तुरंत प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की और बताया कि दहेज में पीएम मित्रा पार्क कैसे बन सकता है? पीएम ने कहा कि सूरत में जगह की कमी है, इसलिए उसे दहेज में बनाने का निर्णय लिया गया है। मैंने तुरंत नवसारी के कलेक्टर को फोन करके कहा कि नवसारी जिले में सूरत से सटी हुई कोई जमीन हो तो उसकी जानकारी हमें दो। नवसारी के कलेक्टर ने बासी बाेरसी की जमीन के बारे में बताया। इसके बाद मैं प्रधानमंत्री से चर्चा करके पीएम मित्रा पार्क को बासी बोरसी में ले आया। बासी बोरसी में जंगल जैसी स्थिति थी, आज वहां सड़क, पानी और ड्रेनेज का काम तेजी से चल रहा है। पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना था कि सबसे बड़ा पीएम मित्रा पार्क गुजरात में बने।
मंत्री पाटिल ने कहा कि सूरत कपड़ा उद्योग का मुख्य केंद्र है। सूरत के पास पीएम मित्रा पार्क करने से उद्योग को और गति मिलेगी। इस पार्क के बनने के बाद लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। यहां कर्मचारियों, कारीगरों के लिए आवासीय भूमि की आवश्यकता होगी, जिसकी योजना राज्य और केंद्र सरकार द्वारा बनाई जा रही है।