गांधीनगर। कुटीर उद्योग मंत्री बलवंत सिंह राजपूत ने गांधीनगर में नई कुटीर और ग्रामोद्योग नीति 2024 की घोषणा की। कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में गुजरात में कुटीर-ग्रामोद्योग क्षेत्र में लगभग 8.75 लाख नई नौकरियां पैदा हुई हैं, जिसे आने वाले समय में 12 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य है। बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि प्रदेश में कुटीर-ग्रामोद्योग क्षेत्र में नये रोजगार का सृजन हुआ है। वहीं, वाजपेयी बैंकेबल योजना के तहत लोन की सीमा 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। जबकि सब्सिडी की सीमा 1.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.75 लाख रुपये कर दी गई है। इस वर्ष लगभग 150 मेलों के माध्यम से कारीगरों द्वारा उत्पादित उत्पादों की बिक्री बढ़ाने की व्यवस्था की गई है। सूरत में शुरू हुए ‘यूनिटी मॉल’ की तरह राजकोट और वडोदरा जैसे विभिन्न शहरों के कारीगर एक ही जगह से अपने उत्पाद बेच सकेंगे। राज्य सरकार विलुप्त हो रही कलाओं के लिए 70000 रुपये और प्रोटोटाइप के लिए अधिकतम 20000 रुपये की सहायता प्रदान करेगी। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री श्री जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि राज्य का छोटा से छोटा व्यक्ति भी अपनी कला को सामने ला सके और अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद तैयार कर सके, साथ ही राज्य सरकार इन उत्पादों का वितरण भी करेगी। कारीगरों को तहसील, जिला समेत राज्य और देश-विदेशों में बेचने की व्यवस्था की गई है।
उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों तक त्वरित और आसान पहुंच के लिए इन कारीगरों को ऑनलाइन पंजीकृत किया गया है। जिसमें पांच हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हो चुके हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार के सहयोग से कारीगरों को एनआईडी और एनआईएफटी में भी प्रशिक्षित किया जाता है। स्थानीय लोगों के लिए गायन को भी प्रोत्साहित किया जाता है। वर्ष 2023 के हस्तशिल्प क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाले विभिन्न 11 कारीगरों को पुरस्कार-नकद पुरस्कार प्रदान किये गये।