सूरत। दिवाली वैकेशन एक सप्ताह बीतने के बाद भी सूरत में आधे से अधिक कारखाने अभी तक नहीं खुले हैं। हीरा बाजार में 21 नवंबर तक दिवाली अवकाश की घोषणा की गई थी। मंदी का असर हीरे के कारखाने पर साफ दिखाई दे रहा है। क्रिसमस के लिए अमेरिका और यूरोपियन देशों से कम ऑर्डर मिलने के कारण सूरत में अभी तक 60 फीसदी हीरे के कारखाने बंद हैं। दिवाली वैकेश के बाद सूरत में 40 प्रतिशत कारखाने ही खुले हैं। उसमें भी छोटे और मध्यम कारखानों की संख्या नगण्य है। बड़े कारखानों में भी कामकाज बहुत कम है। छोटे कारखानों को जाॅबवर्क मिलने की संभावना कम है। जो कारखाने चालू हुए हैं, उसमें भी बहुत कम कारीगरों को बुलाया जा रहा है।
डायमंड वर्कर यूनियन के उपाध्यक्ष भावेश टांक ने बताया कि सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात में लग्न की सीजन चल रही है। लग्न की सीजन खत्म होते ही 30 से 5 दिसंबर तक हीरे के सभी कारखानों के खुलने की उम्मीद है। अभी तक जो कारखाने चल रहे हैं, उसमें काम करने वाले सभी कारीगरों को नहीं बुलाया जा रहा है। उपाध्यक्ष ने बताया कि क्रिसमस में तेजी आने की कोई उम्मीद नहीं है।
डायमंड वर्कर यूनियन के अध्यक्ष रमेश जिलरिया ने बताया कि गुजरात सरकार को हीरा उद्योग के लिए राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। हीरा उद्योग लंबे समय से मंदी से गुजर रहा है। इसका सीधा असर कारीगरों पर पड़ रहा है।