नई दिल्ली। अदाणी समूह ने अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए 250 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
अडानी ग्रुप की सहायक कंपनी अडानी ग्रीन पर 2000 करोड़ से अधिक की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों पर अडानी ग्रुप की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। अडाणी समूह के प्रवक्ता ने कहा कि अडाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और एसईसी द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। जिसे हम अस्वीकार करते हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने लिखा है कि सभी आरोप संदिग्ध हैं। दोषी साबित होने तक आरोपी को निर्दोष माना जाए। हम हरसंभव कानूनी समाधान अपनाएंगे। प्रवक्ता ने कहा कि अडानी ग्रुप ने हमेशा सभी कानूनी मानदंडों का पालन किया है। यह हमेशा सभी व्यावसायिक कार्यों में पारदर्शिता और नियामक प्रावधानों के अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने सभी हितधारकों, भागीदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम कानून का पालन करने वाले संगठन हैं, जो सभी कानूनों के अनुपालन में काम कर रहे हैं।
ये है मामला
एसईसी और अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी ग्रीन के बोर्ड सदस्यों पर अमेरिकी निवेशकों से 250 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस फंड का इस्तेमाल हरित ऊर्जा परियोजना पाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया। इस फंड को जुटाने में अडानी ग्रुप ने नियमों का उल्लंघन किया। उन पर अपनी कंपनी को अमेरिका में सौर ऊर्जा परियोजना का ठेका दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की कोशिश करने का आरोप है। इसके लिए अडानी समूह ने अमेरिकी निवेशकों को 20 वर्षों में दो अरब डॉलर से अधिक के लाभ का वादा करके और इस अनुबंध के माध्यम से झूठे दावे करके ऋण-बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाया।