केवडिया। सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर केवड़िया में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार अद्भुत संयोग है एक ओर हम एकता पर्व मना रहे हैं तो दूसरी ओर प्रकाश पर्व भी है। दीपावली दीयों से पूरे देश को जोड़ती है। अब दिवाली का पर्व भारत को दुनिया से जोड़ रहा है। कई देशों में इसे राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। मैं देश-दुनिया में रहने वाले सभी भारतीयों और भारत के शुभचिंतकों को दिवाली की शुभकामनाएं देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि एकता के हमारे प्रयासों के तहत हम अब एक राष्ट्र एक चुनाव की दिशा में काम कर रहे हैं, जो भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा, भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग करेगा और देश को विकसित भारत के सपने को साकार करने में मदद करेगा। आज भारत एक राष्ट्र नागरिक संहिता यानी धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक राष्ट्र, एक नागरिक संहिता (समान नागरिक संहिता) पर भी चर्चा की, जिसे सभी नागरिकों के लिए समान कानूनों का एक सेट कहा जाता है। उन्होंने इसे ”धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता” बताते हुए कहा कि यह भारत को एकजुट और मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करना है, ताकि धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव न हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 31 अक्टूबर को गुजरात के केवडिया में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवाद के आकाओं को देश छोड़ना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश खुश है कि आजादी के सात दशक बाद एक देश और एक संविधान का संकल्प पूरा हुआ है। यह सरदार साहब को मेरी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। 70 साल तक बाबा साहब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ। संविधान का नाम जपने वालों ने इसका बहुत अपमान किया। इसका कारण जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की दीवार थी। अब अनुच्छेद 370 को हमेशा के लिए दफना दिया गया है। पहली बार इस विधानसभा चुनाव में बिना भेदभाव के मतदान हुआ। पहली बार वहां के मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान की शपथ ली है। यह संविधान के निर्माताओं को हमारी श्रद्धांजलि है।