बेरोजगारी, मंदी, कारोबार-उद्योग में मंदी सहित विभिन्न कारणों से भारतीय को विदेश जाने के लिए मजबूर हैं। अमेरिका भारतीयों का सबसे पसंदीदा देश रहा है। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा के अनुसार मेक्सिको और कनाडा से बड़े पैमाने पर घुसपैठ होती है। चौंकाने वाली बात यह है कि कुल 90,415 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हुए पकड़ा गया है, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत गुजराती हैं। पैसा कमाने के साथ-साथ अमेरिका में रहना भी गुजरातियों का सपना रहा है। विदेश में रहने के बढ़ते क्रेज के कारण गुजराती अपनी जान जोखिम में डालकर अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं, जिसका कुछ एजेंट भरपूर फायदा उठा रहे हैं। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (यूएस-सीबीपी) के अनुसार, कुल 90,415 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हुए पकड़ा गया, जिनमें से 50 प्रतिशत गुजराती थे।
इसके अलावा अहम बात यह है कि भारतीय नागरिकता छोड़ने की दर भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। गुजरात में साल 2022 में 241 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी. जो साल 2023 में दोगुना हो गया क्योंकि 485 लोगों ने नागरिकता छोड़ दी। साल 2024 के मई महीने तक ये संख्या 244 तक पहुंच गई थी।
पिछले नौ वर्षों में 22,300 गुजरातियों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी और दूसरे देशों में चले गए। नागरिकता छोड़कर विदेश में रहने के मामले में गुजरात देश में तीसरे स्थान पर है। बेरोजगारी, रोजगार के अवसरों की कमी, व्यापार में मंदी, महंगाई, देश की जटिल संरचना समेत कई कारणों से लोग देश की नागरिकता छोड़ रहे हैं।
विदेश में नौकरी, स्थायी नागरिकता, एयर टिकट बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी करके गुजरातियों से करोड़ों रुपये ऐंठे जा रहे हैं और ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। राज्य में बढ़ते इमिग्रेशन वीजा घोटाले पर कांग्रेस प्रवक्ता हिरेन बैंकर ने कहा कि नागरिक महंगाई, बेरोजगारी समेत कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। युवा उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद के साथ विदेश में काम करना चाहते हैं। विदेश में वर्क वीजा प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसका फायदा उठाकर कुछ एजेंट गुजरात के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे हैं, सरकार को सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
अमेरिका में अवैध घुसपैठ के मामले में गुजराती सबसे आगे, बेरोजगारी-मंहगाई के कारण विदेश जाने को मजबूर
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