अहमदाबाद। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने प्रदेश के 8 शहरों सहित भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में गैर टीपी क्षेत्र के भूमि धारकों को प्रीमियम में राहत देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय के अनुसार डी-1 श्रेणी में आने वाले अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (औडा), गांधीनगर शहरी विकास प्राधिकरण (गुडा), सूरत शहरी विकास प्राधिकरण (सूडा), वडोदरा शहरी विकास प्राधिकरण (वुडा) और राजकोट शहरी विकास प्राधिकरण (RUDA), डी-2 श्रेणी में आने वाले जूनागढ़ शहरी विकास प्राधिकरण (जूडा), जामनगर शहरी विकास प्राधिकरण (जाडा) और भावनगर शहरी विकास प्राधिकरण (भाडा) के अलावा भरुच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण में शामिल गैर टीपी क्षेत्र में 40 प्रतिशत कटौती के बाद 60 फीसदी भूमि पर प्रीमियम लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय के परिणामस्वरूप राज्य के डी-1 और डी-2 श्रेणी के 8 शहरों और गैर-टीपी भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में भूमि धारकों को कटौती में जाने वाली भूमि पर प्रीमियम का भुगतान करने से छूट दी जाएगी और उन्हें अपने शेष 40 प्रतिशत कटौती के नियमों के बाद प्रस्तावित भूखंड के अंतिम ब्लॉक के क्षेत्र के बराबर क्षेत्र प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
मुख्यमंत्री के फैसले के बाद निर्माण क्षेत्र में प्रॉपर्टी की कीमतें कम होंगी और इसका सीधा फायदा मध्यमवर्गीय परिवारों को मिलेगा। इस मामले में सरकार के पास कई बार दलीलें आईं कि राज्य में इन शहरी विकास प्राधिकरणों में शामिल क्षेत्रों में से गैर-टीपी में शामिल क्षेत्रों में जहां नगर निर्माण योजना की घोषणा नहीं की गई है, 40 प्रतिशत भूमि कटौती की जाती है और प्लॉट सत्यापन प्रमाणपत्र जारी किया जाता है, इसके बाद अंतिम ब्लॉक आवंटित किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप 60 प्रतिशत भूमि कब्जाधारी को और 40 प्रतिशत अंतिम इकाई के रूप में संबंधित प्राधिकरण को दी जाती है।
राज्य में डी-1 और डी-2 श्रेणी और भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण जहां टीपी. लागू नहीं, गैर टीपी क्षेत्र के संबंधित प्राधिकारी से सत्यापन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद शेष 60 प्रतिशत भूमि पर खेत से खेत और खेत से गैर-कृषि प्रीमियम एकत्र करने का निर्देश दिया गया।