भुज। गुजरात को सबसे लंबा समुद्री किनारा विरासत में मिला है। यहां के समुद्र में कई दुर्लभ जलीय जीव भी पाए जाते हैं। जिनमें सबसे खूबसूरत और आकर्षक जानवर डॉल्फिन है। केंद्र और राज्य सरकारों ने संपूर्ण वन्य एवं जलीय जीवों के संवर्धन के लिए विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ उनकी सुरक्षा के लिए सख्त कानून भी बनाए हैं।
हाल ही में वन विभाग द्वारा गुजरात में डॉल्फिन की गणना कराई गई थी। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के जलीय-वन्यजीव संरक्षण और प्रजनन में विशेष प्रयासों के परिणामस्वरूप, गुजरात के 4,087 वर्ग किमी समुद्री क्षेत्र में लगभग 680 डॉल्फिन दर्ज की गई है।
वनमंत्री मुलुभाई बेरा ने डॉल्फिन जनगणना-2024 का विवरण देते हुए कहा कि गुजरात में कच्छ से भावनगर तक का तट डॉल्फिन के ‘घर’ के रूप में स्थापित हो गया है। कच्छ की खाड़ी के दक्षिणी भाग में ओखा से नवलखी तक फैले 1384 वर्ग किमी के क्षेत्र में समुद्री राष्ट्रीय उद्यान और समुद्री अभयारण्य में अधिकतम 498 डॉल्फिन होने की संभावना है। जबकि कच्छ की खाड़ी के उत्तरी भाग में, कच्छ सर्किल के अंतर्गत 1821 वर्ग किमी में 168 डॉल्फिन, भावनगर के 494 वर्ग किमी में 10 और मोरबी के 388 वर्ग किमी में 4 डॉल्फिन पाई गई हैं। इस प्रकार कुल 4087 वर्ग किमी राज्य के समुद्री क्षेत्र में लगभग 680 डॉल्फिन मौजूद हैं, जो राज्य की सुंदरता को बढ़ाती हैं। वन मंत्री ने कहा कि स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए डॉल्फिन बहुत महत्वपूर्ण जलीय जानवर हैं। डॉल्फिन को बचाने में कच्छ से भावनगर तक समुद्र में मछली पकड़ने वाले मछुआरे का योगदान भी काफी महत्वपूर्ण है।