सूरत। वराछा के भाजपा विधायक कुमार कनाणी अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। कुमार कनाणी एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल को चिट्ठी लिखकर चर्चा में आ गए हैं। विधायक ने पत्र लिखकर सूरत और हीरा उद्योग की बिगड़ती हालत पर चिंता जताई है और सरकार से मदद मांगी है। कनाणी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हीरा उद्योग के लिए हीरा नीति के साथ-साथ कपड़ा नीति बनाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कुमार कनाणी ने कहा कि पांच साल के लिए नई टेक्सटाइल पॉलिसी घोषित करने के लिए गुजरात सरकार को बधाई। इससे कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार बढ़ेगा। सूरत में कपड़ा उद्योग के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला उद्योग डायमंड है, सरकार को इसके लिए भी कुछ करना चाहिए। हीरा उद्योग के लिए भी डायमंड पॉलिसी की घोषणा होनी चाहिए।
विधायक कनाणी ने लिखा है कि हीरा उद्योग पिछले कुछ समय से मंदी के कारण कठिन दौर का सामना कर रहा है। भीषण मंदी के कारण कई कारखाने बंद होने की कगार पर हैं। हीरा उद्योग में कर्मचारियों की छंटनी की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी के कारण रत्न कलाकार कठिन दौर से गुजर रहे हैं। बच्चों का पालन-पोषण करने में असमर्थ होने के कारण आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं। विधायक ने लिखा कि हमारी मांग है कि हीरा उद्योग को मंदी से बाहर निकालने के लिए टेक्सटाइल पॉलिसी की तरह ही हीरा उद्योग के लिए भी पॉलिसी घोषित की जानी चाहिए।
बता दें, कुमार कनाणी के पत्र ने राज्य सरकार के बेरोजगारी कम करने के दावों की पोल खोल दी है। कुमार कनाणी की ये चिट्ठी साबित करती है कि सूरत के हालात कितने खराब हैं। हालांकि, दिसंबर 2023 में सूरत में 3400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार डायमंड बुर्स का उद्घाटन किया गया था, तो कहा गया था कि डायमंड बुर्स देश की अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। बहरहाल, कुमार कनाणी की चिट्ठी सूरत के विकास को लेकर सरकार के दावों को खोखला साबित करती नजर आ रही है।