मंुबई। एनसीपी के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश तीन महीने पहले रची गई थी। कई बार आरोपी बिना हथियार के बाबा सिद्दीकी के घर गए। मुंबई क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी की हत्या की पूरी प्लानिंग पुणे में की गई थी।
घटना को लेकर मुंबई क्राइम ब्रांच अब तक 15 से ज्यादा लोगों के बयान ले चुकी है। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गिरफ्तार चौथा आरोपी हरीश बिचौलिए के तौर पर काम कर रहा था. गिरफ्तार आरोपी प्रवीण और शुभम लोनकर (फरार आरोपी) ने गिरफ्तार शूटर गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को 2 लाख रुपये दिए थे और यह पैसा चौथे आरोपी हरीश ने भेजा था। शूटरों को पैसे के साथ दो मोबाइल फोन भी दिये गये थे। हरीश पिछले नौ साल से पुणे में रह रहे थे। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी चैटिंग के लिए स्नैप चैट ऐप और कॉलिंग के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते थे। आरोपी शूटर गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर शूटिंग सीखी। आरोपी ने कुर्ला और पुणे में बंदूक (बिना मैगजीन) से फायरिंग की प्रैक्टिस की। मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और तीन फरार आरोपियों की तलाश जारी है। इस मामले में मुंबई पुलिस ने कहा है कि एक काला बैग मिला है, उसमें 7.62mm की बंदूक मिली है। बता दें, इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आ रहा है। शुभम लोनकर ने खुद अपने फेसबुक पोस्ट में बिश्नोई गैंग का नाम लिया था, जिसके बाद से उसकी तलाश की जा रही है।