अहमदाबाद। देश के कपड़ा कारोबार में 25 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले गुजरात के कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। राज्य सरकार द्वारा टेक्सटाइल पॉलिसी के अंतर्गत 10 से 35 प्रतिशत तक कैपिटल सब्सिडी के अलावा बिजली सब्सिडी सहित लाभ के लिए 1107 करोड़ का फंड आवंटित किया गया है।कपड़ा उद्योग को ईएफसीआई के 10 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी। जिसमें तहसील की श्रेणी और प्रदर्शन के आधार पर अधिकतम 100 करोड़ रुपये की कैपिटल सब्सिडी उपलब्ध होगी।
क्रेडिट-लिंक्ड ब्याज सब्सिडी के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता को ईएफसीआई (योग्य निश्चित पूंजी निवेश) को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। जिसकी अवधि 5 से 8 फीसदी होगी।
कपड़ा इकाइयों को स्वीकृत परिचालन के लिए बिजली टैरिफ सब्सिडी मिलेगी। जिसमें ओपन एक्सेस डिस्कॉम और नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से डीओसीपी से पांच साल के लिए 1 रु. प्रति यूनिट (kWh) बिजली प्राप्त कर सकेंगे।
वेतन के लिए कामगारों की श्रेणी के आधार पर महिला कामगार को रु. 3000 से 5000 और पुरुष श्रमिक को रु. 3000 से 2000 रुपए सरकार की ओर से हर महीने आर्थिक सहायता दी जाएगी।
बता दें, 2019 में घोषित कपड़ा नीति 2023 में समाप्त हो गई थी। जिसके चलते नई कपड़ा नीति की घोषणा की गई है। नई नीति में किए गए बदलावों के आधार पर राज्य सरकार की इंडस्ट्री में 30,000 करोड़ का निवेश आकर्षित करने की योजना है। पहले पुरानी पॉलिसी के तहत रु. 35 हजार करोड़ का निवेश हुआ था। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल द्वारा गांधीनगर में आयोजित कार्यक्रम में नई कपड़ा नीति की घोषणा के साथ ही आज जीआईडीसी के 564 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का ई-लोकार्पण किया गया। जिसमें 5500 यूनिट को 1 हजार करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।