ढाका। बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं को दुर्गा पूजा मनाने से रोका गया, इतना ही नहीं कई पंडालों पर हमले किए गए। कुछ पंडालों पर पेट्रोल बम फेंके गए हैं तो कुछ पंडालों में तोड़फोड़ और चोरी हो रही है। दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले की करीब 35 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ढाका के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने बताया कि 1 अक्तूबर के बाद से दुर्गा पूजा पंडालों में 35 अप्रिय घटनाएं दर्ज हुई हैं। इन मामलों में 11 एफआईआर दर्ज हुई हैं और 24 मामले जनरल डायरी में दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।
बांग्लादेश में पांच दिवसीय हिंदू त्योहार दुर्गा पूजा बुधवार से शुरू हो गया। दुर्गा पूजा समारोह के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह हमला राजधानी ढाका के तांतीबाजार में पूजा हॉल में हुआ। सतखिरा के प्रसिद्ध जेशोरेश्वरी काली मंदिर से पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा उपहार में दिया गया सोने का मुकुट चोरी हो गया है। राजधानी से करीब 250 किलोमीटर दूर चटगांव में गुरुवार को जहां दुर्गा पूजा के दौरान इस्लामिक गाने गाए जा रहे थे, वहीं कट्टरपंथियों ने यहां पंडाल पर कब्जा कर लिया।
बांग्लादेश के हिंदू समुदाय का कहना है कि वे कम डर के साए में जी रहे हैं और मंदिरों और पूजा पंडालों को शिविरों में बदल दिया गया है। भारत सरकार ने शनिवार को बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और पूजा पंडालों पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की और बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। हैरानी की बात यह है कि पुलिस दुर्गा पूजा के आयोजकों के खिलाफ भी मामले दर्ज कर रही है।
ऐसा ही एक मामला ढाका से 250 किलोमीटर दूर चट्टोग्राम में हुआ है। यहां कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी दुर्गा पूजा पंडाल पर चढ़ गए और इस्लामिक के नारे लगाने लगे। पुलिस ने इस मामले में पूजा समिति के महासचिव सजल दत्ता समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ऐसी खबरें हैं कि यहां बौद्धों द्वारा मनाया जाने वाला कथिन चिबर दान उत्सव रद्द कर दिया गया है।
बांग्लादेश में कहीं पेट्रोल बम फेंके गए तो कहीं तोड़फोड़, दुर्गा पूजा पंडालों को 35 बार निशाना बनाया गया
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