भोपाल। मध्य प्रदेश के दतिया जिले में भारी बारिश के कारण 400 साल पुरानी राजगढ़ किले की दीवार गिर गई। इस हादसे में 9 लोग दब गए। जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। घटना की जानकारी होने पर वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। इस हादसे को लेकर लोगों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि सूचना मिलने के बाद भी प्रशासन 4 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया।
दतिया जिले में 10 सितंबर से भारी बारिश हो रही है। जिसके चलते आज 12 सितंबर खलकापुरा इलाके में राजगढ़ किले की दीवार ढह गई। दीवार का मलबा कच्चे मकानों और उनके नीचे बनी झोपड़ियों पर गिरा। निरंजन वंशकार और उनकी बहन के परिवार के नौ सदस्य मलबे में दब गए। यह हादसा होते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आसपास मौजूद लोग मलबे से लोगों को निकालने में जुट गए। इस बीच लोगों का आरोप है कि घटना को लेकर जिला प्रशासन का रवैया लापरवाही भरा रहा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया(X) पर पोस्ट करते हुए लिखा-
दतिया में राजगढ़ किले की पुरानी दीवार ढहने से कई अनमोल जिंदगियों की मृत्यु का समाचार अत्यंत ही पीड़ादायी है। दुःख की इस घड़ी में हम सभी शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। घटना की सूचना मिलते ही SDERF तथा जिला प्रशासन की टीम द्वारा तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था, लेकिन संकरा रास्ता होने की वजह से अथक प्रयासों के बावजूद भी इन अनमोल जिंदगियों को बचाया नहीं जा सका। मृतकों के परिवारजनों को ₹4-4 लाख की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
परमपिता परमात्मा से दिवंगतों की पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने व शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।