अहमदाबाद। केंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर को बूस्टर देने के लिए घोषित नीति के तहत अब 100 किलोवाट तक के एलटी कनेक्शन धारकों के लिए सीमा बढ़ाकर 150 किलोवाट कर दी गई है। इसे सबसे पहले गुजरात राज्य से लागू किया जाएगा। एलटी कनेक्शन धारकों को दी गई छूट से छोटी इकाइयों को बड़ा आर्थिक लाभ होगा।
2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के भागस्वरूप छोटे और मध्यम आकार के एमएसएमई सेक्टर को बूस्टर देना आवश्यक है। इसके लिए केंद्रीय बजट में कई प्रावधान किये गये हैं। एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों में ज्यादातर एलटी (लो टेंशन) कनेक्शन हैं। 100 किलोवाट (केवीए) की सीमा के कारण कई इकाइयां अपनी उत्पादन क्षमता नहीं बढ़ा सकतीं। इससे इकाइयों के लिए एचटी (हाई टेंशन) कनेक्शन होना अनिवार्य हो जाता है।
एचटी कनेक्शन के कारण इकाइयों को अपना ट्रांसफार्मर रखना अनिवार्य हो जाता है। इसके अलावा विद्युत निरीक्षण कराने, सीटीपीटी जंक्शन बॉक्स लगाने, ट्रांसफार्मर के लिए जगह आवंटित करने जैसे कई कार्यों के कारण एलटी कनेक्शन धारकों को वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ रहा था। औद्योगिक संगठनों द्वारा 100 केवी बिजली की सीमा बढ़ाने के लिए ज्ञापन दिए गए।
केंद्र सरकार की नीति के तहत गुजरात में पहली बार एलटी कनेक्शन धारकों के लिए 100 केवीए बिजली की सीमा बढ़ाकर 150 केवीए कर दी गई है। इस संबंध में एक सैद्धांतिक घोषणा जारी की गई है। हालांकि, जेईआरके (संयुक्त विद्युत नियामक आयोग) की मंजूरी मिलने के बाद एलटी कनेक्शन धारक बिना किसी अतिरिक्त लागत के 150 केवीए तक की खपत कर सकेंगे।