Friday, March 14, 2025
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राधा अष्टमी पर प्रीति योग, गजकेसरी, बुधादित्य, शश राजयोग का दुर्लभ संयोग

सूरत। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार राधा रानी का जन्म सोमवार को अनुराधा नक्षत्र में दोपहर में हुआ था। इस साल राधा अष्टमी पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर को रात 11:12 बजे शुरू होगी और 11 सितंबर को रात 11:45 बजे इसकी समाप्ति होगी। उदयातिथि के अनुसार इस साल राधा अष्टमी 11 सितंबर को मनाई जाएगी।
इस दौरान सूरत के वेसू में स्थित श्री श्री गौर राधा मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मंदिर की ओर से छप्पन भोग, महाआरती और भजन संध्या का आयोजन किया गया है। राधा अष्टमी पर राधा रानी के चरणों का दर्शन करने से विशेष फल मिलता है।
पंचांग के अनुसार इस साल राधा अष्टमी पर प्रीति योग, गजकेसरी राजयोग, बुधादित्य राजयोग, रवि योग और शश राजयोग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। राधा अष्टमी पर सुबह 11:31 से दोपहर 12:18 बजे तक पूजा करने का विशेष लाभ होगा। दोपहर 3:23 से शाम 4:57 तक भी पूजा करने का मुहूर्त है।

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