अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 और 17 सितंबर को दो दिवसीय गुजरात दौरे पर आ रहे हैं। पीएम के दौर पर सरकार को कर्मचारियों के विरोध का डर सता रहा है। श्रमिक नेता आज सचिवालय में पांच मंत्रिस्तरीय समिति के समक्ष अपनी बात रखने गए थे, लेकिन श्रमिकों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकला।
गुजरात के कर्मचारियों ने पुरानी मांगों को लेकर आंदोलन करने का ऐलान किया है, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा सरकार कर्मचारी संघों के साथ सुलह की कोशिश में जुट गई है। सरकार ने कर्मचारी संगठनों के साथ बातचीत शुरू कर दी है।
बता दें, राज्य में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने श्रमिक संघों से समझौता करके लंबित मुद्दों का जल्द समाधान करने का वादा किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने के बाद श्रमिक संघों ने आंदोलन करने का ऐलान किया है।
राज्य कर्मचारियों की मुख्य मांग पुरानी पेंशन योजना शुरू करना है। इसके अलावा नई भर्ती शुरू करने, कर्मचारियों की 50 वर्ष की आयु के बाद विभागीय परीक्षा में छूट, वेतनमान में असमानता को दूर करने, सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष करने, सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियुक्ति, रियायती दर पर भूखंड देने समेत 15 मांगों को सरकार के सामने उठाया था।