सूरत। 7 सितंबर को भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि है। इसे गणेश चतुर्थी भी कहते हैं। आज से गणेशोत्सव शुरू हो जाएगा। महाराष्ट्र और गुजरात में गणेशोत्सव का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। श्रद्धालु बड़े-बड़े पंडाल लगाकर गणेशजी की मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक विधि-विधान से पूजा करने के बाद अनंत चतुदर्शी को मूर्ति का विसर्जन करते हैं। अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को है। गणेश चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश धरती पर अवतरित हुए थे।
पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर प्रारंभ होगी और 7 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी। 7 सितंबर को गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक है। पंडाल और घरों में गणेशजी की मूर्ति स्थापित करने के लिए यह समय पर्याप्त है।
सुबह स्नानादि करके लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं, उस पर चंदन से स्वस्ति बनाएं और गणेशजी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद गणेशजी को गंगाजल से स्नान कराएं, उन्हें वस्त्र पहनाएं, जनेऊ, चंदन, दूर्वा, अक्षत, धूप, दीप, फूल, फल चढ़ाएं। इसके बाद लड्डू या मोदक से गणेशजी का भोग लगाएं। गणेशजी की स्थापना विधि समाप्त होने के बाद चढ़ाए हुए नैवेद्य को श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में बांटें।
गणेशजी की स्थापना करते समय इतना ध्यान रखें कि गणेशजी की मर्ति को दक्षिण और दक्षिण कोच में स्थापित न करें। गणेशजी की मूर्ति पर तुलसी और शंख से जल न चढ़ाएं।