Friday, March 14, 2025
Homeधर्म-समाजसुरेन्द्रनगर में गुजरात का सबसे बड़ा तरणेतर मेला कल से, त्रिनेत्रेश्वर महादेव...

सुरेन्द्रनगर में गुजरात का सबसे बड़ा तरणेतर मेला कल से, त्रिनेत्रेश्वर महादेव मंदिर के पास कुंड में स्नान करने का है विशेष महत्व

सुरेन्द्रनगर। जिले के पांचाल इलाके में स्थित त्रिनेत्रेश्वर महादेव मंदिर में 6 सितंबर से गुजरात का सबसे बड़ा तरणेतर मेला शुरू हो रहा है। यहां सालों से तरणेतर मेला लग रहा है, जिसमें लाखों लोग आते हैं। इस साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, 6 सितंबर को तरणेतर मेला शुरू हो रहा है। आज हरतालिका तीज भी है। 7 सितंबर को गुजरात में गणेशोत्सव की शुरुआत होगी।
ऐसी मान्यता है कि त्रिनेत्रेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित कुंड में आज ही के दिन गंगाजी प्रकट हुई थी, इसलिए इस कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है। स्कंद पुराण में उल्लेख है कि भगवान विष्णु ने शिवजी काे प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी और शिवलिंग पर 1001 कमल पुष्प अर्पित करने का संकल्प लिया था। शिवलिंग पर कमल अर्पित करके समय एक पुष्प कम पड़ तो भगवान विष्णु ने अपनी एक आंख शिवलिंग पर अर्पित कर दी थी, तभी से शिवजी को त्रिनेत्रेश्वर कहा जाना लगा।

सुरेन्द्र नगर जिले की चोटीला तहसील के तरणेतर गांव में भाद्रपक्ष शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से छठ तक मेला लगता है। जिसमें गुजरात के अलावा देश-विदेश से भी लोग आते हैं। इस साल जिला प्रशासन की ओर से 6 से 9 सितंबर तक मेले का विशेष आयोजन किया गया है। मेले में ग्रामीण ओलंपिक समेत खेलकूद, पशु प्रदर्शनी, रात में भजन-लोकगीत का आयोजन भी किया गया है।
8 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी तरणेतर मेले में उपस्थित रहेंगे। 6 सितंबर को सुबह कैबिनेट मंत्री मुलुभाई बेरा, कुंवरजी बावलिया त्रिनेत्रेश्वर महादेव की पूजा करके मेले का शुभारंभ करेंगे। 7 सितंबर को त्रिनेत्रेश्वर महादेव मंदिर में 52 गज की ध्वजा चढ़ाई जाएगी। 8 सितंबर को सुबह गंगाजी की महाआरती और 9 सितंबर को गंगा की विदाई आरती होगी।
तरणेतर मेले में सौराष्ट्र की विभिन्न जातियां, जैसे- भरवाड़, आहिर, रबारी और काठी के अलावा स्थानीय लोग अपनी परंपरागत पोशाक पहनकर भाग लेते हैं। युवक रंग-बिरंगी और कढ़ाई की हुई आकर्षक छतरियों को लेकर मेले में घूमते नजर आते हैं। युवतियां रंग-रंगीले और घेरदार चणिया (घाघरा) को लहराते दिखाई पड़ती हैं। गरबा और डांडिया रास जैसे पारंपरिक नृत्यों में थिरकती युवतियों को देख लोग मंत्रमुग्ध जाते हैं, जबकि युवक आकर्षक छतरी नृत्य के जरिए माहौल में जोश भरते हैं।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments