नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर यात्रा के दौरान सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की, इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए चार समझौता करार पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौता करार डिजिटल प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्रों, शैक्षणिक सहयोग और कौशल विकास पर आधारित हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सिंगापुर हर विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणा है। हम भी भारत में कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं और मुझे खुशी है कि हम इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं।
डीपीआई, साइबर-सुरक्षा, 5जी, सुपर-कंप्यूटिंग और एआई प्रौद्योगिकियों पर समझौता करार किए गए। इसके साथ ही भारत में सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कंपनियों के निवेश को लेकर एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा दोनों देशों ने स्वास्थ्य सेवाओं, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में कौशल विकास के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें, पीएम मोदी छह साल बाद सिंगापुर गए हैं। मोदी का सिंगापुर दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए अहम है। आसियान देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। यह भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार भी है। भारत में आने वाले एफडीआई का मुख्य स्रोत भी सिंगापुर ही है।
भारत का फोकस एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर है। भारत ने इसे नवंबर 2014 में 12वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के दौरान लॉन्च किया था। इस नीति का उद्देश्य हिंद महासागर में बढ़ती समुद्री क्षमताओं का मुकाबला करना और दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी बनाना है। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पीएम मोदी का ब्रुनेई और सिंगापुर दौरा काफी अहम माना जा रहा है।