सूरत। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में सूरत ने 131 शहरों को पछाड़कर देशभर में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि जबलपुर दूसरे स्थान पर है। साल 2023 में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में सूरत 13वें स्थान पर था और इंदौर देशभर में पहले नंबर पर आया था। साल 2023 में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में जो कमियां थी उसे नगर निगम ने 2024 में पूरा करते हुए देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। सूरत को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के कुल 200 में से 194 मार्क्स मिले हैं। सूरत को इस उपलब्लि पर आगामी 7 सितंबर को जयपुर में नेशनल मिशन फॉर क्लीन एयर कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित समारोह में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से 1.5 करोड़ की राशि, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान सूरत नगर निगम के महापौर और आयुक्त समारोह में उपस्थित रहेंगे।
नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में अव्वल आने पर शहरवासियों को बधाई देते हुए उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। महापौर दक्षेश मावाणी ने इस उपलब्धि पर शहरवासियों को धन्यवाद दिया है।
बता दें, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 के लिए गत 16-17 अगस्त को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी), गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(जीपीसीबी) और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग शोध संस्था के अधिकारियों ने शहर में अलग-अलग प्राेजेक्टों का दौरा किया था।
नगर निगम ने विभिन्न प्रोजेक्टों को अमल में लाकर यह सिद्धि हासिल की
नगर निगम की ओर से पिछले 4-5 सालों से हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 5000 करोड़ के विभिन्न प्रोजेक्टों को अमल में लाया गया है। जिसमें मैकेनिकल स्वीपर के जरिए सड़कों पर सालाना 4200 मीट्रिक टन धूल को हटाने का काम, घरों से कचरा उठाने के लिए डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन के लिए पुराने वाहनों की जगह 35% ई-व्हीकल का इस्तेमाल किया, इससे कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में सालाना 7000 मीट्रिक टन की गिरावट आई। शहरवासियों को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स में छूट देकर 50 इलेक्ट्रिक चार्जिंग, ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत सुविधाएं मुहैया कराया। वर्ल्ड रिसोर्सिंग इंस्टीट्यूट के सहयोग से 280 से अधिक प्रोजेक्टों में स्वच्छ निर्माण मार्गदर्शिका का पालन करने के साथ डिमोलिशन वेस्ट के निकाल की समुचित व्यवस्था की। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुधारते हुए पुरानी बसों को हटाकर शहर में 580 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं। इससे 114 किलाेमीटर के बीआरटीएस नेटवर्क में सालाना 66 मीट्रिक टन कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में कमी आई है।
सूरत के कलेक्टर ने सोशल मीडिया(X) पर पोस्ट करके लिखा है- सूरत को वायु सर्वेक्षण 2024 में 10 लाख से अधिक जनसंख्या श्रेणी में प्रथम स्थान मिला है, जिसकी पुरस्कार राशि 1.5 करोड़ रुपए है। हम सभी संबंधित विभागों के आभारी हैं जिन्होंने इस उपलब्धि के लिए हमें पूर्ण सहयोग प्रदान किया।