कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के आखिरी दिन मंगलवार को दुष्कर्म विरोधी कानून पारित हुआ। इसमें रेप जैसे मामलों में आरोपियों की मौत की सजा का प्रावधान है। इस बिल का नाम अपराजिता महिला आैर बाल विधेयक-2024 रखा गया है। इस विधेयक के जरिए महिलाओं के साथ बच्चों को भी न्याय दिलाने की कोशिश की गई है। इसमें रेप के दोषियों के लिए 10 दिनों के भीतर फांसी की सजा सुनिश्चित करने का प्रावधान है।
विधानसभा में रेप विरोधी कानून पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा, “…यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं के उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों में कठोरतम सजा दी जाए। इसमें POCSO अधिनियम के प्रावधानों को और कड़ा किया गया है… बलात्कारियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया हैख, यदि उनके कृत्यों के परिणामस्वरूप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या उन्हें गंभीर मस्तिष्क क्षति होती है… इसके तहत अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर सजा दी जाएगी… मैंने पहले ही स्वास्थ्य सचिव से कहा है कि जिन मार्गों पर नर्स और महिला डॉक्टर यात्रा करती हैं, उन्हें कवर किया जाना चाहिए, इसके लिए मैंने 120 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जहां शौचालय नहीं है, वहां इसकी व्यवस्था की जाएगी… हमने ‘रात्रि साथी’ का भी प्रावधान किया है, जिसमें कहा गया है कि महिलाएं 12 घंटे ड्यूटी करेंगी, और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर अपनी ड्यूटी बढ़ाएंगे… हमने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसा किया है। रात में काम करने वाली महिलाओं को पूरी सुरक्षा दी जाएगी, हमने अस्पतालों, स्कूलों, मिड-डे मील केंद्रों को भी उचित कदम उठाने को कहा है। यहां से यह बिल पास होने के बाद राज्यपाल के पास जाएगा, वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद यह ऐतिहासिक होगा। हर राज्य इसे मॉडल बनाएगा। प्रधानमंत्री ऐसा नहीं कर पाए, इसलिए हम यह कर रहे हैं…”
उधर, भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने रेप विरोधी कानून को लेकर कहा कि टीएमसी जल्दबाजी में ये बिल लेकर आई है। हम चाहते हैं कि इस बिल को जल्द से जल्द लागू किया जाए। हम नतीजा चाहते हैं। हम बिल का समर्थन करते हैं। हम इस पर वोटिंग नहीं चाहते हैं। अधिकारी ने कहा कि बिल में कुछ नया नहीं है, हम इस बिल को लागू करने की गारंटी चाहते हैं।