अहमदाबाद। वित्त मंत्रालय ने गिफ्ट सिटी में स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों की न्यूनतम आवश्यक सार्वजनिक शेयरधारिता को मौजूदा 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की अधिसूचना जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि न्यूनतम सीमा कम करने से भारतीय कंपनियों के लिए वैश्विक पूंजी तक पहुंच आसान हो जाएगी। यह वैश्विक वित्तीय बाजार में भारत की स्थिति मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। केंद्र सरकार के इस निर्णय से गुजरात में गिफ्ट सिटी को फायदा होगा।
आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना द्वारा प्रतिभूति अनुबंध विनियमन नियम 1956 में संशोधन किया गया है। यह संशोधन अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों के तहत वैश्विक मानकों के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने की इच्छुक भारतीय कंपनियों के लिए लिस्टिंग आवश्यकताओं को सरल बनाता है।
आर्थिक मामलों के विभाग ने एक बयान में कहा कि इन सीमाओं को कम करके प्रतिभूति अनुबंध विनियमन नियमों में संशोधन से तेजी से बढ़ते प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कंपनियों और स्टार्टअप के लिए वैश्विक पूंजी तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। इससे खासतौर पर उन भारतीय कंपनियों को फायदा होगा जो वैश्विक उड़ान भरना चाहती हैं और दूसरे बाजारों में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहती हैं।