नई दिल्ली। सरकार राष्ट्रीय प्रतीकों के दुरुपयोग के लिए कड़े दंड पर विचार कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार नाम और प्रतीक (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 में महत्वपूर्ण संशोधन पर विचार कर रही है, ताकि कानून को मजबूत बनाया जा सके।
सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित बदलावों में जुर्माना और जेल की सजा शामिल है। वर्तमान कानून के तहत, उल्लंघनकर्ताओं को प्रतीकों और नामों के अनुचित उपयोग के लिए केवल 500 रुपए का जुर्माना देना पड़ता है। यह अधिनियम केंद्र सरकार की अनुमति के बिना किसी भी व्यापार, व्यवसाय या पेशे के लिए किसी भी पेटेंट के शीर्षक, ट्रेडमार्क, डिजाइन में राष्ट्रीय प्रतीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है।
उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने पहली बार अपराध करने वालों के लिए जुर्माना बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिया है। बार-बार उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना और छह महीने की जेल हो सकती है। कुछ मंत्रालयों ने जुर्माना कम करने और जेल की सजा खत्म करने की वकालत की है। इस संबंध में आखिरी फैसला केंद्रीय कैबिनेट को लेना है।