मंुबई। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में सोमवार को छत्रपति शिवाजी महाराज 35 फीट ऊंची मूर्ति ढह गई। इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस समारोह के दौरान धूमधाम से किया गया था। खबरों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच आज दोपहर करीब 1 बजे प्रतिमा ढह गई।
महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने घटना का दौरा किया और कहा कि मुझे घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। हालांकि, महत्वपूर्ण बात यह है कि पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण, जो सिंधुदुर्ग जिले के संरक्षक मंत्री भी हैं, ने कहा कि मामले की गहन जांच की जाएगी।
मंत्री केसरकर ने आश्वासन दिया कि टूटी हुई मूर्ति के स्थान पर एक नई मूर्ति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को तुरंत और प्रभावी ढंग से हल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर लापरवाही और खराब निर्माण का आरोप लगाया है। शिवसेना (यूबीटी) विधायक वैभव नाइक ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है। मूर्ति के निर्माण और ढहने के लिए जिम्मेदार लोगों की गहन जांच की जानी चाहिए।
उधर, एनसीपी (शरद पवार) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि इस मूर्ति के गिरने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि उन्होंने उचित देखभाल नहीं की। सरकार ने काम की गुणवत्ता पर कम ध्यान दिया। उन्होंने केवल एक कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया था।
पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा कर नुकसान का आकलन किया है। फिलहाल विशेषज्ञ मूर्ति के ढहने के सही कारणों की तलाश कर रहे हैं। हालांकि, साइट के एक अधिकारी के अनुसार, जिले में खराब मौसम और बारिश की वजह से ऐसा हो सकता है।