Tuesday, March 18, 2025
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आरजी कर अस्पताल के पूर्व अधिकारी का दावा- लावारिस शवों को बेचने के रैकेट में शामिल थे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष

कोलकाता। आरजी कर हॉस्पिटल में रेप-मर्डर की घटना के बाद जांच के घेरे में आए पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। इसी बीच संदीप घोष पर बड़ा आरोप लगा है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व अधिकारी अख्तर अली ने दावा किया है कि संदीप घोष लावारिस शव बेचने समेत कई अवैध गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घोष बांग्लादेश में बायोमेडिकल अपशिष्ट और चिकित्सा उपकरणों की तस्करी करते थे।
अख्तर अली 2023 तक आरजी कर हॉस्पिटल में तैनात थे। उन्होंने कहा कि राज्य सतर्कता आयोग के समक्ष भी शिकायत दर्ज करायी गयी है, लेकिन जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अख्तर अली ने दावा किया कि मैं डाॅ. संदीप घोष के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य विभाग को एक जांच रिपोर्ट भी भेजी गई थी, लेकिन इसके बाद उनका आरजी कर अस्पताल से ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने कहा, जिस दिन मैंने जांच रिपोर्ट सौंपी, उसी दिन मेरा तबादला कर दिया गया। मेरे साथ जांच समिति के दो अन्य सदस्यों का भी तबादला कर दिया गया। मैंने छात्रों को इस आदमी से बचाने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन मैं असफल रहा।
बता दें, डॉक्टर की हत्या पर विरोध के बीच इस्तीफा देने वाले संदीप घोष को उनके इस्तीफे के कुछ घंटों के भीतर ही कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में नई नियुक्ति दे दी गई थी। हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी और संदीप घोष को अनिश्चितकालीन छुट्टी पर भेज दिया था।
अली ने दावा किया कि घोष मेडिकल छात्रों को पास कराने के लिए रिश्वत मांगते थे। कुछ विद्यार्थियों को जानबूझकर फेल कर दिया गया था, ताकि वह पैसे इकट्ठा कर सके। अली ने आरोप लगाया कि हर जगह संदीप घोष का कमीशन फिक्स था।

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