सूरत। सूरत शहर में तिरंगा यात्रा-हर घर तिरंगा जैसे अभियान शुरू करने के साथ ही लोगों के घरों और व्यावसायिक स्थानों पर तिरंगा फहराए जा रहे हैं। इस दौरान राष्ट्रीय पर्व के समापन के बाद राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान न होने की शिकायतें भी बढ़ गई हैं। अब सूरत की एक संस्था ने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान बनाए रखने के लिए मिशन तिरंगा अभियान शुरू किया है और शहर के अलग-अलग इलाकों में 16 तिरंगा रक्षा पेटी रखी है। कार्यक्रम के बाद फहराए जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान बनाए रखना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है, लेकिन कई लोग ध्वज फहराने के बाद उसे हटाना भूल जाते हैं और अनजाने में यह ध्वज क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसलिए झंडे का सम्मान नहीं हो पाता है। क्षतिग्रस्त तिरंगे को देखकर अंकित प्रजापति का मन द्रवित हो गया। हालांकि, वे किसी कारणवश सेना में भर्ती नहीं हो सके और आईटी में काम कर रहे हैं। अब उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा की रक्षा के लिए एक मुहिम शुरू की है। इन सदस्यों ने शुरुआत में क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय झंडों को स्वयं इकट्ठा किया और 2002 के ध्वज अधिनियम के अनुसार उन्हें नष्ट करना शुरू किया।
अब इस अभियान में कई लोग जुड़ गए हैं और बी फौजी नाम से संस्था शुरू की है। सूरत के अलग-अलग इलाकों जैसे अमरोली, कारगिल चौक और डूमस रोड समेत 14 जगहों पर तिरंगा रक्षा पेटी रखी है। संस्था के अंकित प्रजापति ने कहा कि लोग राष्ट्रीय पर्व से सीधे तौर पर जुड़ रहे हैं, लेकिन तिरंगे को फहराने के बाद उसका रख-रखाव और सम्मान बहुत जरूरी है, इसका अभी भी अभाव है। 15 अगस्त के जश्न के बाद कई जगह क्षतिग्रस्त तिरंगे दिखाई दे रह हैं, अब उन्हें इकट्ठा करने का काम किया जा रहा है।
अब तक 26 हजार तिरंगे एकत्र किए जा चुके हैं। इस वर्ष लगभग 6 हजार क्षतिग्रस्त तिरंगे मिले हैं और भी मिलेंगे और उन्हें एकत्र करके सरकारी नियमों के अनुसार उनका निस्तारण किया जाएगा। इसके अलावा लोगों में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान की भावना पैदा करने का भी प्रयास किया जा रहा है।