नई दिल्ली। इसरो(भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने 16 अगस्त एक बार फिर इतिहास रचा है। पृथ्वी पर नजर रखने के लिए EOS-8 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। उपग्रह को आज सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। इस मिशन के तहत देश का नया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-8 और एक छोटा उपग्रह SR-0 डेमोसैट लॉन्च किया गया। इन दोनों उपग्रहों को पृथ्वी से 475 किमी की ऊंचाई पर गोलाकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
इसरो की SSLV-D3 रॉकेट लॉन्चिंग ऐतिहासिक है, क्योंकि यह दो महत्वपूर्ण सैटेलाइट्स, EOS-8 और SR-0 DEMOSAT को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन है। SSLV की तीसरी उड़ान है और भारत के छोटे सैटेलाइट लॉन्च उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसके अलावा EOS-8 और SR-0 DEMOSAT के सफल लॉन्च और संचालन से भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता और मजबूत होगी, जो वैश्विक अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा में एक अहम योगदान है।
SSLV-D3 रॉकेट धरती की निचली कक्षा में 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को 500 किलोमीटर से नीचे या फिर 300 किलोग्राम के सैटेलाइट्स को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेज सकता हैं। इस ऑर्बिट की ऊंचाई 500 किलोमीटर के ऊपर होती है। इस लॉन्चिंग में यह 475 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा। वहां जाकर यह सैटेलाइट को छोड़ देगा।
EOS-8 सैटेलाइट एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है, जिसका मकसद धरती की सतह की निगरानी करना और अहम डाटा इकट्ठा करना है। यह कृषि, वन्य जीवन की निगरानी, जल संसाधन प्रबंधन, और आपदा प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों में मदद करेगा।