नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को शुभकामनाएं दी। राष्ट्रपति ने देश के नाम दिए अपने संदेश में कहा कि पूरा देश 78वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी में जुटा हुआ है, जिसे देखकर खुशी हो रही है। राष्ट्रपति ने कहाक जिस तरह अपने परिवार के साथ विभिन्न त्योहारों को मनाते हैं, उसी प्रकार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस भी परिवार के साथ ही मनाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमाने नव स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत विश्व पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुन: प्राप्त करे। राष्ट्रपति ने कहा कि 14 अगस्त को हमारा देश विभाजन की विभाषिका का स्मृति दिवस मना रहा है, यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं।
राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मु ने कहा कि हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और हम शीघ्र ही तीन शीर्षस्थ अर्थ व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने को तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति निर्माताओं और उद्य्रमियों की दूरगामी सोच और देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है। राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों ने बेहतर उत्पादन करके भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस साल जुलाई से भारतीय न्याय संहिता लागू करके हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य दंड देने की बजाय अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है।
राष्ट्रपति ने वायुसेना के सैनिकों को सम्मानित किया
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वायुसेना के वीर जवानों को शौर्य चक्र और वायुसेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन वीएम को फ्लाइंग (पायलट) शौर्य चक्र से सम्मानित किया, जबकि विंग कमांडर जसप्रीत सिंह संधू को वायु सेना पदक (गैलौर) से सम्मानित किया गया। शौर्य चक्र और वायु सेना पदक (वीरता) राष्ट्रपति द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों को उनकी बहादुरी और सेवा के सम्मान में प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार सैन्य कर्मियों की बहादुरी, समर्पण और बलिदान के लिए दिए जाते हैं।