Friday, March 14, 2025
Homeधर्म-समाजतापी नदी के किनारे राज राजेश्वर मंदिर में एक साथ तीन शिवलिंग...

तापी नदी के किनारे राज राजेश्वर मंदिर में एक साथ तीन शिवलिंग स्थापित हैं, ब्रह्मा-विष्णु-महेश के रूप में होती है पूजा

सूरत। चौक बाजार में तापी नदी के किनारे अति प्राचीन राज राजेश्वर मंदिर है, जहां एक साथ तीन शिवलिंग स्थापित हैं। इस तीनों शिवलिंगों की ब्रह्मा-विष्णु-महेश के रूप में पूजा होती है। तापी पुराण और अन्य ग्रंथों के अनुसार कपिल मुनि ने तापी नदी के किनारे तपस्या करके सूर्यदेव को प्रसन्न किया था। कपिल मुनि की तपस्या से तापी नदी के किनारे तीन शिवलिंग प्रकट हुए थे। 12वीं और 13वीं सदी में यहां राज राजेश्वर मंदिर बनाया गया था। 13वीं सदी में बने प्राचीन मंदिर में सूर्यदेव और गणेश की अति प्राचीन मूर्ति स्थापित हैं। बताया जाता है कि सूर्यपुत्री तापी के नाम से ही इस शहर का नाम सूरत पड़ा है। तापी नदी के किनारे बसे दो गांव ओखा और सांधियेर सूर्यपुत्री उषा और संध्या के नाम पर हैं। वहीं, सूर्यपुत्र अश्विनी और कुमार के नाम से तापी नदी के किनारे अश्विनी कुमार नामक स्थल है। सूर्य की पत्नी रत्नादेवी के नाम पर ही रन्नादे और रांदेल से रांदेर नाम पड़ा है, जो तापी नदी के किनारे है। बताया जाता है कि प्राचीन काल में यहां तापी नदी के किनारे सूर्य की आराधना होती थी। इतिहासकार संजय जोशी का कहना है कि प्राचीन काल में सूर्य की उपासना करने वाली जातियां यहां बसती थी। राज राजेश्वर मंदिर में लगे पत्थरों में ई. सं. 1264 और 1272 की शिल्पकलाएं मौजूद हैं। श्रावण मास में राज राजेश्वर मंदिर में लोगों की भारी भीड़ लगती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments