नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में भी आरक्षण देने के आदेश से लोकसभा और राज्यसभा के एससी/एसटी समुदाय के सांसदों के बीच तनाव बढ़ गया है और वे संसद भवन में ही पीएम मोदी से मिलने पहुंच गए। इन सभी सांसदों ने संयुक्त रूप से एससी/एसटी के लिए क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर एक याचिका दायर की और यह भी मांग की कि इस फैसले को हमारे समाज में लागू नहीं किया जाना चाहिए। इस पर पीएम मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया कि मैं इस मामले पर विचार करूंगा। एनडीए की सहयोगी पार्टी लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान और रामदास अठावले ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विरोध जताया। इस मामले में चिराग पासवान ने कहा कि हमारी लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को अपने फैसले में कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों में उपश्रेणियां बनाने का संवैधानिक अधिकार है ताकि उन जातियों को भी आरक्षण मिल सके जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्यों को पिछड़ेपन और सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व की उचित संख्या और उचित प्रदर्शन के आंकड़ों के आधार पर ही उपश्रेणियां बनानी होंगी। निर्णय इच्छाशक्ति या राजनीतिक लाभ के आधार पर नहीं किये जायेंगे।