अहमदाबाद। राज्य सरकार ने आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा देने का अहम फैसला किया है। सरकार जल्द ही आदिवासी छात्रों को JEE-NEET की परीक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग सुविधा शुरू करने जा रही है। इससे छात्रों को डॉक्टर-इंजीनियर बनने का रास्ता और आसान होगा।
गुजरात के आदिवासी इलाकों में गुजरात स्टेट ट्राइबल एजुकेशन सोसाइटी(GSTES) अधीन 26 ईएमआरएस, 9 जीएलआरएस और 9 मॉडल स्कूल समेत 44 स्कूल चल रहे हैं। यहां के साइंस स्कूलों में स्वैच्छिक संस्थाओं के सहयोग ने मुफ्त में JEE और NEET की प्रवेश परीक्षा की कोचिंग दी जाती है।
साल 2023 में 825 और 2024 तके 1015 आदिवासी छात्रों ने नीट की परीक्षा दी थी, जिसमें से क्रमश: 364 और 412 छात्र उत्तीर्ण हुए थे। शिक्षा सत्र 2021 में ईएमआरएस खोडदा-तापी की छात्रा को आईआईटी जोधपुर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में, जबकि 2022 में ईएमआरएस पारडी के छात्र को आईआईटी-गांधीनगर में मटैरियल साइंस में प्रवेश मिला था। राज्य सरकार आदिवासी छात्रों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। साल 2023 में 450 से अधिक छात्रों ने उच्च शिक्षा में प्रवेश लिया। इसमें 23 छात्रों ने एमबीबीएस, 94 छात्रों ने बी-टेक और 330 छात्रों ने अन्य पैरा मेडिकल में प्रवेश लिया था। साल 2023 में 116 और साल 2024 में 136 आदिवासी छात्रों ने जेईई-मेन्स की परीक्षा दी थी, जिसमें से क्रमश: 77 और 72 छात्र उत्तीर्ण हुए थे।
बता दें, आदिवासी इलाकों में छात्रों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए गुजरात स्टेट ट्राइबल एजुकेशन सोसाइटी द्वारा 105 स्कूल चलाए जा रहे हैं। इसमें 48 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल, 43 कन्या साक्षरता स्कूल, 12 मॉडल स्कूल और 2 सैनिक स्कूल चल रहे हैं। ये गुजरात के 15 आदिवासी जिलों डांग, वलसाड, नवसारी, तापी, सूरत, नर्मदा, वडोदरा, छोटा उदेपुर, पंचमहाल, दाहोद, साबरकांठा, बनासकांठा, अरावली, महिसागर और गिर सोमनाथ में कार्यरत हैं।