अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने 50 हजार करोड़ से अधिक की लागत से 936 किलोमीटर की आठ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी दी है।
रेल मंत्री ने कहा कि आज (2 अगस्त) 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 936 किमी की आठ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दी गई है, इससे देश भर में लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार होगा। भीड़भाड़ कम करने और कनेक्टिविटी बढ़ाने में स्पीड कॉरिडोर अधिक उपयोगी साबित होगा। इस परियोजना के अंतर्गत थराद और अहमदाबाद के बीच कुल 214 किमी लंबा नेशनल हाई स्पीड रोड कॉरिडोर बनाया जाएगा।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार इस हाईवे की कुल लागत 10,534 करोड़ रुपये होगी। हाई स्पीड रोड कॉरिडोर से डीसा, पालनपुर, मेहसाणा को फायदा होगा। एसईजेड क्षेत्र, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टरों में अच्छी कनेक्टिविटी होगी। सरकार का दावा है कि कॉरिडोर के निर्माण के बाद माल परिवहन में लगने वाला समय 5-6 घंटे से घटकर तीन से साढ़े तीन घंटे रह जाएगा। इतना ही नहीं, उत्तर गुजरात के लोगों को मुंबई से अच्छी कनेक्टिविटी मिलेगी।
रेल मंत्री ने कहा कि 6 लेन आगरा-ग्वालियर नेशनल हाई स्पीड रोड कॉरिडोर के निर्माण से आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय 50 प्रतिशत कम हो जाएगा। जबकि कानपुर-श्रीग्राम कॉरिडोर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर की अर्थव्यवस्था को बदल देगा। इसके साथ ही कानपुर रिंग रोड से कानपुर के आसपास के राजमार्गों पर भीड़ कम हो जाएगी। रायपुर-रांची कॉरिडोर के पूरा होने से झारखंड और छत्तीसगढ़ के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अलावा, गुजरात में निर्बाध बंदरगाह कनेक्टिविटी के लिए हाई स्पीड रोड नेटवर्क का निर्माण और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए थराद और अहमदाबाद के बीच नए कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।