अहमदाबाद। गिर जंगल के एशियाई शेरों को अब अन्य इलाकों में भी बसाया जा रहा है, इनकी आबादी भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। गर्मियों में शेर गिर जंगल से निकलकर राजकाेट, गोंडल की ओर आ जाते हैं। सेंट्रल जू अथाॅरिटी ने कच्छ में नारायण सरोवर के पास और गिर सोमनाथ जिले में उना के पास नलिया-मांडवी इलाके में लायन सफारी बनाने की मंजूरी दे दी है।
कच्छ के मुख्य वन संरक्षक अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि नारायण सरोवर के पास लगभग 300 हेक्टेयर भूमि पर लायन सफारी पार्क बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के साथ प्रजनन केंद्र को विकसित करना है। लायन सफारी के साकार होने के बाद अनुमति लेकर शेर, तेंदुए समेत अन्य जानवरों को वहां रखा जाएगा। ऊना गिर जंगल से सटा हुआ इलाका है और वहां भी लायन सफारी बनेगी। इस समय जूनागढ़ के देवलिया इलाके में लॉयन सफारी चल रही है और दिन-ब-दिन भीड़ बढ़ती जा रही है। इससे पहले जू अथॉरिटी ने नगर पालिका को राजकोट में लालपरी-रांदरडा झील के किनारे रमणीय क्षेत्र में बने चिड़ियाघर से सटे खुली भूमि में एक लायन सफारी बनाने की अनुमति दी थी। वहां फेंसिंग वॉल समेत अन्य कार्यों को मंजूरी मिल गई है और फिलहाल टेंडरिंग प्रक्रिया चल रही है।
सौराष्ट्र में जूनागढ़ के बाद राजकोट में भी शेर प्रजनन केंद्र है और अब तक यहां 50 से ज्यादा शेर पैदा हो चुके हैं। फिलहाल चिड़ियाघर में 12 शेर हैं। राजकोट में बनने जा रही लायन सफारी में शेर शिकार करते नहीं दिखेंगे, बल्कि पर्यटक वाहन में बैठकर उन्हें खुले में घूमते हुए देख सकेंगे। उल्लेखनीय है कि गिर का जंगल शेरों और तेंदुओं सहित जानवरों के लिए छोटा होता जा रहा है, इसलिए विशेष रूप से गर्मियों में शेर और तेंदुओं जैसे जानवर गोंडल, राजकोट, धोराजी से चोटिला की ओर आ जाते हैं।