नई दिल्ली। देश में पहली बार 6 अगस्त से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलूर में भारतीय वायुसेना के अभ्यास तरंग शक्ति के पहले चरण में फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यूके समेत 30 देशों की वायुसेना युद्धाभ्यास करेगी। जिसमें लड़ाकू विमान और परिवहन विमान को शामिल किया गया है। अमेरिकी ए-10 वॉर्थोग पहली बार भारतीय वायुसेना के सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रहा है। जबकि दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक जोधपुर में होगा।
वाइस चीफ एयर मार्शल एपी सिंह के अनुसार तमिलनाडु के सुलूर में होने वाला तरंग शक्ति का पहला चरण 6 अगस्त से 14 अगस्त तक चलेगा। पहले चरण में फ्रांस, जर्मनी, स्पेन और यूके की वायु सेनाएं भाग लेंगी। पहले चरण में लड़ाकू विमान और परिवहन विमान सहित 32 देशों के जहाज भाग लेंगे।
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों में राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, जगुआर और मिग-29K शामिल हैं। दूसरे देशों के लड़ाकू विमानों के बारे में जानकारी देते हुए वाइस चीफ एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा कि एफ-18, एफ-16, राफेल और यूरोफाइटर टाइफून शामिल होंगे। बहुराष्ट्रीय वायु अभ्यास तरंग शक्ति का उद्देश्य दुनिया को भारत के बढ़ते रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करना है। हम डीआरडीओ, भारत के विमानन उद्योग और पीएसयू के माध्यम से स्वदेशी क्षमताओं का प्रदर्शन करके अन्य देशों को भारत के स्वदेशी उद्योग की ताकत दिखाएंगे।
युद्धाभ्यास का दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक जोधपुर में आयोजित किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ग्रीस, सिंगापुर, यूएई और अमेरिका की वायु सेनाएं अपनी हवाई संपत्तियों के साथ भाग लेंगी। इस दौरान 27 लड़ाकू विमान, दो ईंधन भरने वाले विमान, दो हवाई चेतावनी विमान (AWACS) और चार C-130 विमान तैनात किए जाएंगे। भारतीय वायु सेना के अग्निवीर (एविएटर्स) सुलूर और जोधपुर में होने वाले तरंग शक्ति अभ्यास में कुछ जमीनी भूमिकाओं में भाग लेंगे। इसके साथ ही हर चरण में भारतीय वायुसेना के 40 से ज्यादा जहाज शामिल होंगे। पहले चरण में नौसेना के मिग-29K जेट को भी शामिल किया गया है।