लखनऊ। पेपर लीक कराने वालों पर अब कठोर कार्वाई होगी। विधानसभा में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनाें का निवारण) विधेयक-2024 पारित हो गया। पेपर लीक की गंभीरता काे देखते हुए इसकी प्रभावी जांच का निर्णय भी लिया गया है। नए कानून के तहत पेपर लीक मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना पुलिस उपाधीक्षक करेंगे। पेपर लीक कराने में एजेंसी की भूमिका सामने आने पर उससे पूरी परीक्षा का खर्च वसूले जाने का प्रावधान किया गया है। संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह कानून पारदर्शी व निष्पक्ष परीक्षाएं संपन्न कराने में सहयोगी होगा।
नए विधेयक में दो वर्ष से सात वर्ष तक तथा दो वर्ष से 10 वर्ष तक कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा न्यूनतम दो लाख से लेकर एक कराेड़ रुपए तक जुर्माना भी होगा। परीक्षा कराने वाली एजेंसी व उसके संचालकों की जिम्मेदारी तय की गई है। नए कानून के तहत डीएम को दोषियों की संपत्तियां जब्त कराने का अधिकार भी होगा। पेपर लीक कराने वाले गिरोह से भी परीक्षा में हुआ खर्च वसूलने का प्रावधान होगा।