Monday, March 17, 2025
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गुजरात में चार साल में 4,861 कंपनियों में ताला लगने से 22 हजार से अधिक की नौकरियां चली गईं

अहमदाबाद। गुजरात में पिछले चार सालों में 4,861 एमएसएमई(सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) इकाइयां बंद हो गई। जुलाई 2020 से 2024 के दौरान किन्हीं कारणों से ये इकाइयां बंद हुई हैं। देश में सबसे अधिक एमएसएमई के बंद होने के मामले में गुजरात तीसरे स्थान पर है। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में 12,233, तमिलनाडु में 6,298, गुजरात में 4,861, राजस्थान में 3,857, उत्तर प्रदेश में 3,425 और बिहार में 2,414 एमएसएमई बंद हुए हैं। गुजरात की बात करें तो पिछले चार साल में रोजाना औसतन 4 एमएसएमई बंद हुए हैं।
सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्योग मंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि रजिस्टर्ड एमएसएमई में 49,342 इकाइयां बंद हो गई हैं। इससे तीन लाख से अधिक लोग बेरोजगार हुए हैं। मंत्री ने आगे बताया कि कंपनी के स्वामित्व में बदलाव, अनावश्यक प्रमाण पत्र और डुप्लीकेट पंजीकरण समेत अलग-अलग कारणों से बंद किया गया है। दूसरी ओर मंदी और आर्थिक संकट को भी इसका मूल कारण बताया जा रहा है। सरकारी आंकडों के अनुसार गुजरात में 19 लाख, 60 इकाइयों का पंजीकरण हुआ है, जिसमें 1 करोड़, 7 लाख युवकों को रोजगार देने का दावा किया गया है। पिछले चार साल में गुजरात में 4,861 एमएसएमई बंद होने से करीबन 22,345 लोगों की नौकरियां चली गई।

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