नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में बजट सत्र की शुरुआत हुई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सत्र के दौरान विपक्ष नीट पेपर लीक, रेलवे सुरक्षा और कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय समेत अनेक मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए उन्होंने कहा कि देश में बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया को बेहद आसान बनाया गया है। इसमें से जटिल नियमों को हटाया गया है। इसके लिए एक केंद्रीय व्यवस्था बनाई गई है। सोमवार को शुरू हुआ संसद का सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कुल 19 बैठकें होंगी। सरकार संसद में कई अहम बिल पेश कर सकती है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नीट के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि देश के कई सेंटर ऐसे हैं जहां 2000 से अधिक बच्चे प्रवेश परीक्षा में पास हो गए, लेकिन क्या सरकार ने ये जानने की कोशिश की कि उन सेंटरों की हालत क्या है, वहां कैसी व्यवस्थाएं थीं? अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जब तक धर्मेन्द्र प्रधान शिक्षा मंत्री तब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आक्रामक अंदाज में कहा कि देश में लाखों छात्र हैं, जो इस बात से चिंतित है कि क्या हो रहा है और उनका मानना है कि भारत की परीक्षा प्रणाली धोखाधड़ी बन गई है। लाखों लोग अब मानते हैं कि यदि आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारत की इस परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं। विपक्ष भी यही सोचता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरी परीक्षा पर सवाल उठाना गलत है। मुझे जनता ने चुनकर सदन में भेजा है और मुझे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नीट पेपर लीक पर सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कुछ जगह गड़बड़ी हुई, लेकिन पेपर लीक को लेकर ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- मैं देश के सभी सांसदों से अनुरोध करना चाहूंगा कि जनवरी से लेकर अब तक हमें जितना संघर्ष करना था, हमने किया है, लेकिन अब वो दौर खत्म हो चुका है, जनता ने अपना फैसला दे दिया है। मैं सभी दलों से कहना चाहूंगा कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के लिए खुद को समर्पित करें और संसद के इस गरिमामय मंच का अगले 4.5 साल तक उपयोग करें। जनवरी 2029 के चुनावी वर्ष में आप कोई भी खेल खेल लें, लेकिन तब तक हमें किसानों, युवाओं और देश के सशक्तिकरण के लिए भाग लेना चाहिए…।